मीराबाई चानू : संघर्ष परत-दर-परत, ओलंपिक में रजत
दिलीप कुमार* परिवार के सदस्यों ने बचपन में ही जान लिया था उसके बाजूओं में बहुत दम है। लकड़ी के गट्ठर ढोते-ढोते बड़े भाई थक जाते। सुस्ताने के लिए पेड़ के नीचे बैठते। मगर वह लगी रहती। बिना रुके। बिना थके। परिवार के सदस्यों को यदि लकड़ी का कोई बड़ा टुकड़ा जंगल में मिल जाता […]
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