शोर में स्मृतियां शामिल है
शांभवी पोद्दार शोर वह ध्वनि है जिसकी निरंतरता और तीव्रता उसे नकारात्मक रूप की तरफ ले जाती है। शोर को मानव मानकों से अगर बांटा जाए तो उसे कई रूपो में देखा जा सकता है, वह शोर जिसे हम सुनना नहीं चाहते और दूसरा वो जो हमें कुछ सुनने नहीं देता। यहाँ एक तरफ भौतिक […]
Continue Reading