स्वाधीनता संग्राम में महिलाओं की भूमिका
ज्योति झा* इतिहास साक्षी रहा है कि निरंतर घुटन के असह्य अनुभव से ही विद्रोह उत्पन्न हुआ है, फिर चाहे वो अनीतियों के विरुद्ध हो, अन्यायों के विरोध में हो, या फिर सत्ता के ही प्रतिकूल क्यों न हो। और जहां घुटन के असह्य अनुभव का ज़िक्र हो, तो वहाँ स्त्रियों का संदर्भ तो जैसे […]
Continue Reading