- जितेन्द्र कुमार सिन्हा
लॉस एंजिल्स यूएसए/ पटना, बिहार: 09 नवम्बर 2024 :: मूल रूप से पटना, बिहार का प्रसिद्ध छठ महापर्व आज पूरे विश्व में मनाया जा रहा है। अब यह महापर्व पूरे विश्व का पर्व हो चुका है। आत्मा की तरह बिहार निवासी विश्व में जहां भी हैं अपने इस महान पर्व को पूरे श्रद्धा भक्ति से वर्त कर रहे हैं।
लॉस एंजिल्स,कैलिफोर्निया, यूएसए में बिहार झारखंड के बारह व्रतियों ने इस बार छठ व्रत किए थे। इस विशेष अवसर के लिए बिहार के उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा के द्वारा शुभकामना संदेश भी प्रदान किया गया था।
वास्तव में छठी मईया कि कृपा दृष्टि सब पर है। पटना के राजीव कुमार, राजीव सिंह और वाणी आदि के द्वारा फ्रेंड्स क्लब के माध्यम से किया गया था। सुचिता झा के घर सबों ने खड़ना का प्रसाद खाया तथा आरा की श्वेता भी एक व्रती थी। सृष्टि ने भी सबों को सहयोग किया। इस तरह से संध्या अर्ध और सुबह का सूर्य अर्ध के साथ सूर्य षष्ठी वर्ष पूर्ण हुआ।
पटना के आशियाना नगर, दीघा, दानापुर, कदमकुंआ, मछुआटोली, ककड़बाग, अनीसाबाद, मित्रमंडल कॉलोनी, साकेत विहार, पुनाईचक, गर्दानीबाग, मीठापुर बी एरिया, जगदेव पथ जैसे मुहल्लों में महापर्व के अवसर, लोग कहीं- कहीं भगवान भास्कर की प्रतिमा तो कही उनकी झांकियां प्रदर्शित किया है। सड़कों की साफ सफाई के अलावे बिजली की सजावट भी की गई। कुछ दुकानदार अपनी दुकानें अपने घर पर छठ व्रत होने के कारण और कुछ दुकानदार अपनी दुकानें छठ व्रत में सहयोग करने के लिए बन्द रखे। लोगों में बिना ऊंच-नीच, भेद- भाव के छठ पूजा में सहयोग करने की लालसा व्याप्त रहती है।
छठ व्रत एक ऐसा पर्व है जिसमें पंडितों की, मंत्रोचारण की, दान- दक्षिणा का कोई प्रावधान नहीं रहता है। यह भी देखा जा रहा है कि छठ व्रत अब पुरुष भी करते हैं। इस संबंध में एजी कॉलोनी में छठ व्रत करने वाले पंकज कुमार ने बताया कि विश्व प्रसिद्ध सूर्य देव की अराधना खास कर संतान की प्राप्ति और संतान के सुखी जीवन की कामना के लिए समर्पित भाव से किया जाता है।
उन्होंने बताया कि वे अपने मन में इच्छा रखकर, कष्टी के रूप में छठ व्रत शुरु किया था और जब मनोकामना पूरी हो गई तो सामान्य रुप से, छठ पूजा अब करते हैं।
गोला रोड स्थित सर्वोदय नगर के ऋचा सिन्हा ने बताया कि उनके घर में पहले उनकी सासु मां राजमणि देवी छठ व्रत करती थी। लेकिन अब छठ व्रत वे स्वयं करने लगी है। उन्हें छठ व्रत करने में बहुत अच्छा लगता है, क्योंकि इस व्रत में पवित्रता, श्रद्धा और भक्ति आस्था इतनी ज्यादा होती है, जो किसी अन्य पूजा में नहीं मिलता है।
कल्याणी कॉलोनी की स्मृति राखी ने बताया कि इस कॉलोनी में छठ व्रत आधिकांश लोग अपने-अपने छत्त पर ही करते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि वे पहले कष्टी व्रत से छठ पूजा की शुरुआत की थी। मनोकामना पूरी होने पर अब वे सामान्य रूप से छठ व्रत करती हैं।
साकेत विहार की कृति सिन्हा बताती है कि वे कई वर्षों से लगातर भास्कर की आराधना करती आ रही है। उनका मानना है कि जीवन की पहिया सूर्य भगवान की कृपा से ही चलती है।
ज्योतिष, योग और वेदांत विषय के ज्ञाता पंडित अवधेश झा ने कहा कि मैं छठ पूजा में अपने गांव दरभंगा में था। श्रद्धा भक्ति का यह महान पर्व लोक कल्याणकारी है। भगवान सूर्यनारायण सभी को सभी तरह की मनोकामना पूर्ण करेंगे और आरोग्यता, यश, सुख, समृद्धि प्रदान करेंगे।
देखा जाय तो सूर्य उपासना लोग सूर्य देव के विभिन्न नामों यथा भगवान आदित्य देव, भगवान भास्कर देव, भगवान दिवाकर देव, भगवान प्रभाकर देव, भगवान मार्तण्ड देव, भगवान दिनकर और भगवान रवि देव के नाम से करते है।