पटना: 2 नवंबर 2024 :: बिहार में आज से 50 साल पहले शास्त्रीय नृत्य परंपरा को पुनर्जीवित करने का जो का प्रयास शुरू किया, यह एवार्ड उसी प्रयास का सम्मान है, डाॅ रमा दास। बिहार की वरिष्ठ कत्थक कलाकार और गुरू, डाॅ रमा दास को लाइफटाइम अचीवमेंट एवार्ड से सम्मानित किया गया। आज राजधानी पटना में आयोजित एक अलंकरण समारोह में नंदकिशोर यादव, स्पीकर, बिहार विधान सभा, ने उन्हे इस सम्मान से विभूषित किया।
राज्य की सांस्कृतिक संस्था, चित्रगुप्त सामाजिक संस्थान ने प्रदर्श कला, विशेष रूप से कत्थक नृत्य क्षेत्र में उनके सुदीर्घ और विशिष्ठ योगदानों के लिए उन्हे यह विशिष्ठ सम्मान प्रदान किया है। इस अवसर पर कुछ अन्य क्षेत्र के विशिष्ट व्यक्तियों को भी सम्मानित किया गया।
नंदकिशोर यादव, बिहार विधान सभा स्पीकर जो इस समारोह के मुख्य अतिथि थे, उन्होंने अपने संबोधन
में कहा कि कलाकारों, साहित्यकारों तथा विशिष्ठ व्यक्तित्वों का सम्मान समाज को जोड़ता है। “यह संस्था पिछले कई वर्षो से यह काम करती आ रही है। पूजा तो हर जगह होते हैं लेकिन जिस भावना से यह आयोजन होता है, वह महत्वपूर्ण है,” नंदकिशोर यादव ने कहा।
पद्मश्री डाॅ गोपाल प्रसाद सिन्हा ने संस्था की सराहना की और कुछ गीत भी सुनाए।
लाइफटाइम अचीवमेंट एवार्ड से पुरस्कृत होने के बाद डाॅ रमा दास ने कहा कि वैसे तो उन्हे कई अन्य शहरों में कई संस्थाओं ने सम्मानित किया। “लेकिन अपने शहर में अपने समाज से जो ये सम्मान मिला, यह मेरे लिए सबसे बड़ी उपलब्धि है,” उन्होंने कहा।
डाॅ रमा ने कहा कि बिहार में उत्तर भारतीय शास्त्रीय नृत्य परंपरा को पुनर्जीवित करने और उसकी नई रूप रेखा बनाने का जो प्रयास उन्होंने 1970 के दशक में शुरू किया था, यह उस महती प्रयास का सम्मान है।
“जिन दिनों मैंने इस शास्त्रीय नृत्य को अपनाया था, उन दिनो बिहार में प्रायः लडकियों को इसे सीखने की भी आजादी नहीं थी। अतः मेरी कला यात्रा चुनौतियों से भरी रही। लेकिन आज जब इतनी महिलाओं के इस क्षेत्र में देखती हूँ तो अच्छा लगता है,” उन्होंने कहा।
बिहार सरकार के अम्बपाली पुरस्कार और सिंगार मणि की उपाधि से अलंकृत डाॅ रमा ने कहा कि 1970के दशक में उन्होंने बिहार में उत्तर भारतीय शास्त्रीय नृत्य परंपरा को सहेजने और आगे तक ले जाने का जो निर्णय लिया था, उसपर आज भी कायम हैं वो। उन्होंने कई शिष्य तैयार किए और आज भी युवा पीढ़ी को इससे जोड रही हैं।
कमलनयन श्रीवास्तव, सचिव, चित्रगुप्त सामाजिक संस्थान, ने कहा कि लाइफटाइम अचीवमेंट एवार्ड के लिए डाॅ रमा दास को उनके विशिष्ठ योगदान के मद्देनजर सर्व सम्मति से चुना गया। “उन्होंने बिहार में शास्त्रीय नृत्य क्षेत्र में अतुलनीय योगदान दिया। जिन दिनो बिहार में लडकियां घर से बाहर नहीं निकलती थीं, रमा जी ने नृत्य कला को अपनाने का साहस किया था। हमारी संस्था के आदरणीय जटाशंकर दास,जो अब नहीं रहे, वो रमा जी को उनके इस क्रांतिकारी कदम की बहुत सराहना करते थे।”
सचिव ने कहा कि इस अलंकरण समारोह मे कुछ और विशिष्ठ लोगों को भी सम्मानित किया गया।
संस्थान के अध्यक्ष तथा संगीत नाटक सम्मान विजेता और वरिष्ठ आकाशवाणी अधिकारी, गणेश प्रसाद सिन्हा ने कहा कि यह संस्था हर वर्ष विशिष्ठ व्यक्तियों को उनके विशेष योगदान के लिए सम्मानित करती है। “इस वर्ष हमने रमा दास को लाइफटाइम अचीवमेंट एवार्ड देने का निर्णय किया। रमा ने न केवल देश के महान कलाकारों के साथ मंच साझा किया है, बल्कि मेरे साथ एक हिंदी फीचर फिल्म, ‘विद्यापति’ में भी सिल्वर स्क्रीन साझा किया है,”। 1970 के दशक में बिहार सरकार ने यह फिल्म बनाई थी, उन्होंने बताया।