बहन ने भाई की कलाई पर बांधी राखी

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  • जितेन्द्र कुमार सिन्हा

पटना, 19 अगस्त, 2024 :: भाई बहन के प्रेम पर्व के रूप में मनाया जाता है रक्षाबंधन। इस पर्व में यह आवश्यक नहीं होता है कि भाई बहन का रिश्ता, सहोदर भाई बहन तक सीमित हो। यह पर्व मुंहबोले भाई बहन से लेकर वैसे भाई बहन भी शामिल होते हैं जो एक दूसरे से भाई बहन की तरह मिलते हैं। बहन भाई की कलाई पर राखी बांधकर बेहतर भविष्य और रक्षा की कामना की। बहन राखी बांधी और उनके लंबी उम्र के लिए दुआ की।

भाई-बहन के प्रेम का पर्व रक्षाबंधन (राखी) के अवसर पर सोमवार को पटना के आशियाना में मात्र 10 महीने के भाई अनंत कुमार सिन्हा उर्फ वायु को बहन अनुश्री सिन्हा उर्फ आशी, श्रीजा सिन्हा उर्फ नव्या, सृष्टि सिन्हा और दीक्षा ने राखी बांधी। यह रक्षाबंधन भाई बहन दोनों के लिए यादगार रहा। वहीं, अभियंता प्रशांत कुमार सिन्हा की बहन अंशु सिन्हा उर्फ मिक्की, अन्नु कुमारी, मुंहबोली बहन अमृता सूर्यवंशी, श्रेया, वर्तिका सारस्वत ने भी राखी बांधी।

राखी बांधने के बाद अनुश्री सिन्हा उर्फ आशी ने बताया कि रक्षाबंधन के दिन भाई की लंबी उम्र के साथ खुद की सुरक्षा के लिए रक्षा डोर बांधने का परम्परा हैं। इसी परम्परा को भाई – बहन रक्षाबंधन के रूप में पर्व मनाते हैं। वहीं, बहन भाई की लम्बी उम्र के लिए दुआ करती है और भाई बहन की ताउम्र रक्षा करने का वादा करता है।

ऐसा भी मान्यता है कि मारकंडु ऋषि के पुत्र मार्कण्डेय ने लंबी आयु के लिए सावन महीना में घोर तपस्या कर भगवान शिव की कृपा प्राप्त की थी, जिससे मिली मंत्र शक्तियों के सामने यमराज भी नतमस्तक हो गये थे। इसलिए भाई बहन भी रक्षा सूत्र के माध्यम से बहन भाई के दीर्घायु होने की और भाई बहन की रक्षा करने का संकल्प लेता है।

समय की तकाजा ऐसी होती है कि किसी भाई को कोई बहन नही होता है तो किसी बहन का कोई भाई नही। इतना ही नहीं, दुर्भाग्य या ग्रह की चक्र कहे कि जिन्हें भाई बहन दोनों रहने के बावजूद राखी नहीं बांध पाते हैं। क्योंकि या तो भाई नौकरी पेशा में देश या राज्य से बाहर होते हैं या किसी अपरिपक्वता के कारण दोनों में स्नेह नहीं रहता है। फिर भी रक्षा बंधन भाई बहन का प्रेम का पर्व है।

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