पटना: 21 नवंबर 2021:: केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन तथा उपभोक्ता मामले खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण प्रणाली राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आम लोगों की खाद्य सुरक्षा, किसानों के अत्यधिक कल्याण और आत्मनिर्भर भारत के लिए हमारी सरकार संकल्पित है। इसके लिए सभी महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं, जिसके अंतर्गत हम देख रहे हैं कि बिहार में खाद्य भंडारण क्षमता 10.50LMT (लाख मेट्रिक टन) हो गया जो 2015 में 5.5 LMT था। राज्य में 13 लाख मेट्रिक टन साइलो गोदाम निर्माण की अनुमति मिली है। स्वामीनाथन कमिटी लागू कर हम लागत के डेढ़ गुना ज्यादा न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP तय कर खरीददारी कर रहे है। वर्ष 2024 तक सभी लाभकारी योजनाओं के तहत फोर्टीफाइड राइस का वितरण किया जाएगा। वर्ष 2021–22 में केंद्र सरकार ने बिहार सरकार के साथ मिलकर 30 लाख मेट्रिक टन चावल अधिप्राप्ति का लक्ष्य रखा है,जिससे किसानों के कल्याण और आत्मनिर्भर बिहार बनाने की मुहिम में बल मिलेगा।
श्री चौबे आज आज़ादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत खाद्य आपूर्ति एवं जन वितरण विभाग (DFPD), भारत सरकार के 15 से 21 नवंबर तक चले खाद्य सुरक्षा प्रतिष्ठित सप्ताह कार्यक्रम में पटना के अधिवेशन भवन में मुख्य अतिथि के तौर पर बोल रहे थे।
अश्विनी चौबे ने कहा कि प्रधान मंत्री मोदी के कुशल नेतृत्व में भारत सरकार आज खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने और 138 करोड़ के इस जनतंत्र को सशक्त अन्नतंत्र बनाने के लिए पूरी तरह प्रयासरत है l इन्ही प्रयासों के फलस्वरूप कोरोना महामारी के बावजूद किसान भाइयों से जहाँ रिकॉर्ड खरीद हुई, वहीं देश के 80 करोड़ जनता के बीच अभूतपूर्व परिमाण में खाद्यान्न वितरित भी हुए।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) के अंतर्गत कुल 15 महीने के लिए प्रत्येक लाभुक को प्रति माह 5 किलोग्राम गेंहू या चावल बिलकुल मुफ्त में देने के लिए आवंटित किया गयाl राज्य के खाद्य रूचि के अनुसार, खाद्यान्न का अनुपात तय किया गयाl जहाँ बिहार में 2 किलो गेंहू और 3 किलो चावल दिया गया वहीं पूर्वोत्तर राज्यों में 5 किलो चावल ही दिया गया l
इस योजना में लगभग 80 करोड़ लाभुकों के लिए इन 15 महीनों ले लिए कुल 596 लाख मेट्रिक टन अनाज आबंटित हुआ है । इस आबंटित अनाज की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए पूरे भारतवर्ष में भारतीय खाद्य निगम के कर्मियों ने लगभग 600 लाख मैट्रिक टन खाद्यान्न का परिचालन किया । बिहार क्षेत्र में कोविड-19 के दौरान 58.81 लाख मैट्रिक टन (कुल आर्थिक मूल्य लगभग 22,800/- करोड़ रूपये) अनाज मंगवा कर आम जनता को वितरित किया गया है, जिसका लाभ 8.71 करोड़ जनता को प्राप्त हुआ है।
चूँकि देश की 60% से अधिक जनता कृषि पर आधारित है, आत्मनिर्भर भारत के लिए किसानों का विकास महत्वपूर्ण है। इसीलिए माननीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में किसानो की आय दुगुनी करने के लिए यह सरकार ढेरों कदम उठा रही है। स्वामीनाथन कमिटी के रिपोर्ट के अनुसार लागत के डेढ़ गुना ज्यादा न्यूनतम समर्थन मूल्य [MSP] तय हो रहा है।
बिचौलियों एवं फर्जी किसानो से खरीद बंद करने के लिए सूचना एवं प्रद्योगिकी की मदद से किसानो से सीधे खरीद की जा रही है एवं DBT के माध्यम से सीधे उनके खाते में पैसे भेजे जा रहे हैं। फलस्वरूप हजारों अन्नदाता सैकड़ों वर्षों के साहूकार प्रणाली के ऋण चक्र से बाहर आ पा रहे हैं।भारत सरकार रिकॉर्ड MSP पर रिकॉर्ड खरीद कर रही है।
धान की खरीद KMS [खरीफ मार्केटिंग सीजन] 2014-15 में 423 लाख मेट्रिक टन से KMS 2020-21 में 894 लाख मेट्रिक टन हो गयी है । गेहूँ की खरीद RMS 2014-15 [रबी मार्केटिंग सीजन] में 281 लाख मेट्रिक टन से RMS 2021-22 में 433 लाख मेट्रिक टन हो गयी है।
बिहार सरकार ने KMS 20-21 में 23.84 लाख मैट्रिक टन चावल की अधिप्राप्ति किया तथा RMS 21- 22 में 4.55 LMT (लाख मेट्रिक टन) गेहूँ का अधिप्राप्ति किया गया। इसके फलस्वरूप बिहार राज्य में KMS 20-21 में चावल अधिप्राप्ति में करीब 5 लाख किसानों को लगभग 6,648 करोड़ रूपये का भुगतान किया गया तथा RMS 21-22 में गेंहू अधिप्राप्ति में करीब 1 लाख किसानों को लगभग 900 करोड़ रूपये का भुगतान किया गया है।
वर्ष 21 – 22 में भारत सरकार ने बिहार सरकार के साथ निश्चय किया है कि यहां पर कुल 30LMT (तीस लाख मेट्रिक टन) चावल की अधिप्राप्ति की जाएगी,जिससे यहां के कुल वार्षिक आबंटन को पूरा किया जा सकेगा और बिहार आत्मनिर्भर बन पायेगा।
खाद्य सुरक्षा को और सशक्त बनाने के लिए प्रधान मंत्री जी के नेतृत्व में यह मंत्रालय सभी राज्यों के सहयोग से एक देश एक राशन कार्ड [One Nation One Ration Card] योजना पर भी तेजी से काम कर रहा है, ताकि कोई भी लाभुक किसी भी परिस्थिति में अपने हक से वंचित न हो। प्रधान मंत्री के एक भारत, श्रेष्ठ भारत की कल्पना को साकार करने के लिए और सारे राज्यों को इस मुहिम में जोड़ते हुए हम एक देश, एक MSP, एक DBT और एक राशन कार्ड की तरफ तेज़ी से अग्रसर हो रहे हैं ।
भारत सरकार खाद्य सुरक्षा के साथ-साथ पौष्टिकता सुरक्षा की भी गारंटी दे रही है,जिसके लिए माननीय प्रधानमंत्री ने लाल किले के प्राचीर से संबोधित करते हुए 2024 तक सभी लाभकारी योजनाओं के तहत फोर्टीफाइड राइस का वितरण करने का संकल्प लिया है। वर्तमान में भारत सरकार मिड डे मील स्कीम तथा आंगनबाड़ी के तहत आईसीडीएस स्कीम में बिहार के सभी जिलों को फोर्टीफाइड राइस दे रही है। इससे माताओं एवं बच्चों को कुपोषण का शिकार होने से बचाया जा रहा है।
खाद्य सुरक्षा को प्रबल करने के लिए बिहार राज्य में भारतीय खाद्य निगम की भंडारण क्षमता को, जो कि 2015 में लगभग 5.50 LMT(लाख मेट्रिक टन) थी, बढ़ाकर अब 2020-21 में 10.50LMT (लाख मेट्रिक टन) कर दिया गया है। भारत के पहले राइस साइलो कैमूर और बक्सर में बनाये जा रहे हैं, जिसे अगले 1 वर्ष के अंदर चलन में लाया जाएगा।
इसके अलावा बिहार राज्य में 13.00 LMT(लाख मेट्रिक टन) क्षमता के साइलो के निर्माण हेतु अनुमति प्रदान कर दिया गया है l अखिल भारतीय स्तर पर 108 लाख मेट्रिक टन साइलो के निर्माण के लिए अनुमति दे दी गयी है,जिससे देश खाद्यान भण्डारण में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने अमर स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा को याद करते हुए कहा कि आज के दिन हम भगवान बिरसा मुंडा को भी याद करते हैं जिन्हें हमारे झारखंड राज्य के भाई प्यार से “धरती आबा” के नाम से याद करते हैं । इन्होंने 1895 में हजारीबाग में अकाल ग्रस्त लोगों की पूरे तनमन और धन से सेवा की तथा स्थानीय जनजातीय लोगों को आजादी के प्रति जागरूक किया था। इन्होंने अंग्रेजी सेना को 1898 में हराया । इसके पश्चात उन्हें जेल हो गयी तथा 1900 में मृत्यु हो गई । आज हम उन्हें भगवान के रूप में याद करते हैं तथा भारत सरकार ने उनके देश के प्रति त्याग और बलिदान को सम्मानित करते हुए बिरसा मुंडा की जयंती,15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की।
“आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम” के तहत खाद्य सुरक्षा प्रतिष्ठित सप्ताह कार्यक्रम का शुभारंभ केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया I इस कार्यक्रम में पूर्व केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव, बिहार की खाद्य आपूर्ति मंत्री लेसी सिंह, विधायक संजीव चौरसिया, कार्यकारी निदेशक (पूर्वी अंचल) डॉ. अजित कुमार सिन्हा, आंचलिक कार्यालय (पूर्व) एवं महाप्रबंधक (क्षेत्र) संजीव कुमार भदानी उपस्थित थे l