रांची: 17 जुलाई 2021: झारखण्ड पैरेन्ट्स एसोसिएशन, रांची (झारखण्ड) के तत्वाधान में आज दिनांक 17 जुलाई 2021 (शनिवार) को दोपहर 12 बजे से विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के अभिभावकगण के लिए वर्चुअल जन-जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन कोविड 19 के नियमों का पालन करते हुए गूगलमीट के माध्यम से ऑनलाइन किया गया। गया। आज के कार्यक्रम मुख्य अतिथि डॉ० शिवाजी कुमार (पूर्व राज्य आयुक्त नि:शक्तता, बिहार सरकार सह दिव्यांगजन विशेषज्ञ) ऑनलाइन उपस्थित थे। विशिष्ट अतिथि श्रीमति दीपा चौधरी (सचिव, झारखण्ड पैरेन्ट्स एसोसिएशन), अवतार सिंह (सचिव, झारखण्ड पैरा स्पोर्ट्स एसोसिएशन), डॉ० राजीव गंगौल (अध्यक्ष पाटलीपुत्रा पैरेन्ट्स एसोसिएशन), सोमा हल्दर (प्रोग्राम कन्सल्टेंट, साईट सेवर) साथ ही इन्द्रानी सहाय (अभिभावक), सुभांगिनी साहु (अभिभावक), सुष्मा सरण (अभिभावक), सनत कुमार झा (अभिभावक), सुगन्ध नारायण प्रसाद (कोषाध्यक्ष, झारखण्ड पैरा स्पोर्ट्स एसोसिएशन), धीरज कुमार, संतोष कुमार सिन्हा, प्रमोद कुमार, उमाशंकर कुमार, सुभाषिणी देवी, आर्वी केसरी, अभिषेक कुमार, अभिषेक राज, अनम हैदर, अंजय कुमार महतो, बब्लु प्रकाश, दीपक सिन्हा, धीरज कुमार, डॉ० अखिलेष कुमार, विनोद कुमार, गोविन्द साहनी, मान्या चौधरी, मो० आजाद, मुक्तोरंजन, मुन्ना कुमार, नीता राय, पंकज कुमार, परमानन्द द्वेदी, परी, पिंकी शर्मा, राज कुमार, रीमा भट्टाचार्य, रिचा कुमारी, रिता रानी, रूबी सिंह ,साकेत जोशी, संतोष कुमार, शाहबाज अहमद, शिव कुमारी, शोभा कुमारी, श्यामभरोषा पासवान, उमाकान्त कुमार, उमेश सहाय, अस्सी से अधिक अभिभावकगण, दिव्यांगजन, समाजसेवी, दिवयांगजन विशेषज्ञ ऑनलाईन उपस्थित थे। आज के कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के देख-भाल के प्रति अभिभावकगण को जागरूक करना था।
आज के ऑनलाइन जागरूकता कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ० शिवाजी कुमार ने बताये कि इस वैश्विक महामारी के दौरान सबसे ज्यादा हमारे विशेष आवश्यकता वाले बच्चे प्रभावित हुए हैं। बौद्धिक दिव्यांग, ऑटिज्म, सेरेब्रल पाल्सी, बहु दिव्यांग बच्चों को विशेष देखभाल आवश्यकता होती है। सभी अभिभावकगण को चाहिए कि बच्चें में जिस कार्य के प्रति रूची है उसी कार्य में उसको व्यस्त रखें। आज के दौर में सेल्फ एडभाकेशी एवं लीगल गार्जियनशीप की आवश्यकता है। विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को खेल-कूद, छोटे-छोटे घरेलू कार्यों से भी जोड़ें। सभी पैरेण्ट्स एसोसिएशन, सिवील सोसाईटी, एन.जी.ओ., विशेष शिक्षक, थेरेपिस्ट, प्रोफेशनल को ऐसे बच्चों के लिए विशेष कार्य करने की आवश्यकता है।
श्रीमति दीपा चौधरी ने बतायी कि विशेष आवश्यकता वाले बच्चे को विशेष देख रेख की आवश्यकता होती है।
श्री अवतार सिंह ने बताया कि ऐसे बच्चों को खेल कुद के माध्यम से पुनर्वासित किया जा सकता है। खेल-कूद एक ऐसी माध्यम है जिससे शारीरिक, मानसिक एवं आर्थिक विकास होता है।
सभी विशषज्ञों ने बताया कि विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए जमीनी स्तर पर काम करने की आवश्यकता है। दिव्यांगजनों के लिए सरकार द्वारा बहुत सारी योजनाएं चलाई जाती है लेकिन अभी भी बहुत सारे दिव्यांग उसका लाभ नहीं ले पाते हैं। दिव्यांगजन एवं उनके अभिभावक के बीच समय समय जागरूकता कार्यक्रम करना बहुत ही आवश्यक है। अभिभावकगण के सवालों का जवाब विशेषज्ञों द्वारा दिया गया।
आज के कार्यक्रम का संचालन संदीप कुमार (नेशनल ट्रेनर) एवं धन्यवाद ज्ञापन अनंजय कुमार महतो द्वारा किया गया।