पटना 27 जून 2021 । बिहार एसोसिएशान ऑफ पी०डब्लू०डी०, समर्पण, चाईल्ड कन्सर्न एवं बिहार दिव्यांग खेल संघ के संयुक्त तत्वाधान में आज दिनांक 27 जून 2021 को दोपहर 12 बजे से ‘हेलेन केलर’ के 141 वीं जयंती के अवसर पर वर्चुअल ऑनलाइन जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन गुगल मीट प्लेटफॉर्म पर कोविड 19 के नियमों का पालन करते हुए किया गया। आज के कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ० शिवाजी कुमार (दिव्यांगजन विशेषज्ञ सह पूर्व राज्य आयुक्त नि:शक्तता) ऑनलाइन उपस्थित थे। साथ ही प्रवीण कुमार मिश्रा (अध्यक्ष बिहार एसोसिएशन ऑफ पी०डब्लू डी०), हिरदय यादव (उपाध्यक्ष बिहार एसोसिएशन ऑफ पी०डब्लू डी०), सुगन्ध नारायण प्रसाद (सचिव बिहार एसोसिएशन ऑफ पी०डब्लू डी०), कमल कुमार चौबे (संयुक्त सचिव बिहार एसोसिएशन ऑफ पी०डब्लू डी०), संदीप कुमार (स्टेट कोऑर्डिनेटर सह नेशनल ट्रेनर), सुलेखा कुमारी (सचिव समर्पण), मधु श्रीवास्तवा (सचिव, बिहार सिविल सोसाईटी फोरम), संतोष कुमार सिन्हा, धीरज कुमार, राहुल कुमार, पंकज सागर, मनमोहन कृष्णा, साबरा तरन्नुम, हरिमोहन सिंह, शहबाज अहमद, मो० फिरदौस अख्तर, रूबी सिंह सभी पंचायत स्तर, प्रखण्ड स्तर, अनुमण्डल स्तर, जिला स्तर के डी०पी०जी० अध्यक्ष, सचीव, मिडिया प्रभारी एवं पूरे बिहार से सैंकड़ो दिव्यांगजन, दिव्यांगजन विशेषज्ञ, समाजसेवी, अभिभावकगण ऑनलाइन उपस्थित थे। आज के कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य हेलेन केल से प्रेरणा लेकर दिव्यांगता को परे रखकर अपने सपनों का साकार करना जीवन मे आगे बढ़ना था।
मुख्य अतिथि डा० शिवाजी कुमार ने बताया कि हेलन केलर का पूरा नाम हेलेन एडम्स केलर था। उनका जन्म 17 जून 1880 को अमेरिका के छोटा सा कस्बा टसकंबिया अलबामा में पैदा हुई थी। जन्म के समय हेलन केलर पूरी तरह से स्वस्थ्य थी। बिमारी के बजह से छोटी आयु में ही उनकी देखने, बोलने एवं सुनने की शक्ति चली गई। शिक्षक एनि सुलिव्हान ने हेलेन केलर को हर तरीके से शिक्षा दी, जिसमें उन्होंने मैन्युल अल्फाबेट और ब्रेल लिपि आदि पद्धतियों से शिक्षा दी। संघर्षों का दौर बितता गया और हेलेन केलर ने राइट हमसन स्कूल फौर डीप से प्रारंभिक शिक्षा पूरी की। प्रारंभिक शिक्षा पूरी होने के बाद हेलन केलर अपने आपको अकेला समझने लगी, उनकी जिज्ञासा थी कि वो भी सभी तरह के पढ़ाई करें। उन्होंने 1902 में स्नातक की पढ़ाई करने के लिए रेडक्लिफ कॉलेज में दाखिला लिया। पढ़ाई करते हुए हेलन केलर को लिखने शौक जगी और उन्होंने एक ऐसी पुस्तक लिखि जो बहुत बड़ी उपलब्धि दिलाई उस पुस्तक का नाम है ‘’द स्टोरी ऑफ माय लाइफ’’। अपने जीवन के संघर्षों को पार करके हेलेन करने ने समझ लिया था कि जीवन में यदि संघर्ष किया जाए तो कोई काम ऐसा नहीं है जो हम नहीं कर सकते हैं। यही सोचकर हेलन केलर ने समाज के लोगों को जागरूक करने लगी। हेलन केलर एक लेखक, राजनीतिज्ञ और आचार्य थी। वह कला स्नातक की उपाधि प्राप्त करनेवाली पहली मुक बधिर और दृष्टिहीन महिला थी। एनी सुलेवन के प्रशिक्षण में 6 वर्ष की अवस्था से शुरू हुए 49 वर्षों के साथ हेलन केलर सफलता की उंचाई तक पहुंची एक मिशाल कायम की। उन्होंने यह भी बताया कि आजकल लोग बहुदिव्यांगता का फर्जी सर्टीफिकेट बनवाकर असली हकदार को वंचीत कर रहे हैं। हम सभी को एकजूट होकर असली हकदार को हक दिलाना होगा। पिछले साल हमलोगों ने बिहार के सभी ब्लॉकों तक पहुंचने का लक्ष्य रखा था जो हमलोगों ने समय रहते पुरा कर लिया है। इस बार का लक्ष्य है अगले एक साल में बिहार सभी पंचायतों के दिव्यांगजन तक पहुंचना। हमारा लक्ष्य है बिहार के अंतिम दिव्यांगजन तक पहुंचना एवं उन्हें समाज के मुख्यधारा से जोड़ना। मैं बिहार एसोसिएशन ऑफ पी०डब्लू०डी० को धन्यवाद देता हूं जो गांव स्तर, पंचायत स्तर, प्रखण्ड स्तर, अनुमण्डल स्तर, जिला स्तर पर दिव्यांगजनों का संगठन बनाकर दिव्यांगजनों को सवल बनाने एवं जागरूक करने का कार्य कर रहा है।
कमल कुमार चौबे ने बताया कि हेलन केलर ने अपनी दिव्यांगता को मात देते है पूरे विश्व के दिव्यांगजन के लिए मिशाल कायम की। हमलोंगो को चाहिए दिव्यांगता को परे रखकर अपने काम को करें एवं दूसरे को भी जागरूक करें।
साबरा तरन्नुम ने बताई कि अपने खुबियों एवं आपमें जो कुशलता है उसके माध्यम से अपने आप को सवल एवं स्वाबलंबन बनायें दूसरों पर आधारित नहीं रहे।
शाहबाज अहमद ने बताया कि हमें हेलन केलर से सिख लेकर अपने मुकाम को पाने के लिए कोशिश करते रहना है।
मनमोहन कृष्णा ने बताया कि सभी दिव्यांगजनों को शिक्षित एवं अपने अधिकार के बारे में जानकारी जरूर होनी चाहिए। अपने आप कभी भी कमजोर नहीं समझें एवं लक्ष्य के प्रति चलते रहें सफलता जरूर मिलेगी।
आज के वर्चुअल कार्यक्रम में अजीत कुमार, अखिलेश कुमार, जावेद खान, अनीकेश कुमार, अनुप कुमार पटेल, अर्जुन कुमार रजक, अर्णव मिश्रा, अरूण कुमार, बैजनाथ चौधरी, धीरज कुमार, दिलीप महतो, गरीब कुमार, गोपाल कुमार, गोविन्द शाह, हरिवोल यादव, हरिओम सिंह, हेमा रवानी, कामेश्वर पटेल, कृष्णानन्द प्रसाद, कुमार मनजीत, कुमकुम देवी, लालु तुराहा, महानन्द कुमार, मो० फिरदौस अख्तर, मो० जमशेद आलम, मो० मौजम, मीरा कुमारी, मो० मेराज, मिक्कु कुमार झा, मुकुन्द राय, मुन्नी कुमार, नीरज कुमार मेहता, नीशु यादव, पम्मी चौधरी, प्रेमचन्द कुमार, राघवेन्द्र ओझा, राजीव कुमार, राकेश कुमार यादव, राम प्रवेश शर्मा, रामपुकार ठाकुर, रामउदेश्य कुमार, रंजु कुमारी, रिचा कुमारी, रीता रानी, रूबी सिंह, पंकज कुमार, संजय झा, संजय कुमार, संतोष साजन, सत्यदेव पासवान, सत्यम झा, सविन्द्र कुमार, शाहवाज अहमद, शरत सिंह, शेखर चौरसिया, शिव कुमारी, शिच शंकर उपाध्याय, श्रवण कुमार, श्याम पासवान, सोनी कुमारी,कुमारी, सुबेन कुमार, सुजीत पाण्डे, उमाकान्त कुमार, उतमा कुमारी, वरूण कुमार, विवेकानन्द कुमार, वरसात खान, उमेश यादव, साथ ही सभी पंचायत स्तर, प्रखण्ड स्तर, अनुमण्डल स्तर, जिला स्तर के डी०पी०जी० अध्यक्ष, सचीव, मिडिया प्रभारी एवं पूरे बिहार से सैंकड़ो दिव्यांगजन, दिव्यांगजन विशेषज्ञ, समाजसेवी, अभिभावकगण ऑनलाइन उपस्थित थे।
सभी ने बताया कि हम सभी को हेलन केलर से सिख लेकर दिव्यांगता को परे रखते हुए एवं बाधाओं को पार करते हुए आग बढना हैं एवं समाज में मिशाल कायम करना है।
आज के कार्यक्रम का संचालन संदीप कुमार द्वारा किया गया।