- निष्ठा सोलंकी
पटना 24 जून 2021:: 51 वर्षीय गौरव राय जैसे एक आम व्यक्ति मानवता की मिसाल हैं। जब देश भर में मरीज़ ज़िंदगी जीने की जद्दोजहद में सांसों को पाने की ख़ातिर जंग लड़ रहे थे तब ईश्वर के दूत स्वरुप बनकर ना जाने कितनी ही सांसों की डोर को टूटने से बचाया पटना के ऑक्सिजन मैन गौरव राय ने।
आपको बता दे पटना के ही एक निजी कम्पनी में कार्य करने वाले गौरव जब स्वयं पिछले वर्ष कोरोना से ग्रसित हुए तब उन्होंने ऑक्सिजन के महत्व को ध्यान में रखते हुए ऑक्सिजन बैंक शुरू करने का निर्णय लिया।
कहते हैं ना जब सांसों की डोर टूटती हुई नज़र आती है तो शायद तभी उसकी असली अहमियत हमारे समझ आती है,
बस फिर क्या था पटना के ऑक्सिजन मैन गौरव ने ऑक्सिजन की आवश्यकता को ज़हन में रखते हुए अगले ही दिन से इसकी शुरुआत की। जिसकी शुरुआत में पहले उन्होंने 10 ऑक्सिजन के सिलेंडर एकत्रित किए। जिसमें गौरव के कुछ करीबी रिश्तेदार, मित्र एवं डॉक्टरों ने अपनी क्षमता अनुसार ऑक्सिजन सिलेंडर का दान कर इस नेक कार्य में अपना सहयोग दिया।
कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सिजन से बेहाल लोगों की ये हालत पुरे देश भर में थी जिससे पटना भी अछूता नहीं था और इसी दरमियाँ जब सरकार की योजनाए विफल होती नज़र आइ तो गौरव जैसे अनेको लोगों ने अपने कदम आगे पढ़ाए और अनजान व्यक्तियों की मदद कर समाज में फिर मानवता की मिसाल क़ायम की।
गौरव राय किसी भी संस्था या एन.जी.ओ से नहीं जुड़े हैं और इस कार्य में अब तलक उन्होंने कुल 1718 मरीज़ों की सहायता पहली और दूसरी लहर में की है। ग़रीबों और असहायों को मुफ़्त में स्वयं ऑक्सिजन सिलेंडर मुहैया करवाते हैं गौरव और जो मरीज़ स्वस्थ हो जाते हैं उनके साथ केक काटकर ख़ुशियाँ बाटने की भी कोशिश करते हैं गौरव।