- जितेन्द्र कुमार सिन्हा
पटना: 8 मार्च 2025 :: दिव्य जीर्णोद्धार फाउंडेशन ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर पटना के जगजीवन राम इंस्टीट्यूट ऑफ पार्लियामेंट्री स्टडीज एंड पॉलिटिकल रिसर्च बिहार के सभागार में डॉ ऋचा दुबे की अध्यक्षता में कार्यक्रम आयोजित किया। कार्यक्रम शुभारम्भ दीप प्रज्वलित कर किया गया। कार्यक्रम के प्रारम्भ में सरस्वती विद्या मंदिर, शास्त्री नगर की बच्चियों ने सरस्वती वन्दना का पाठ किया तो वहीं, साउथ पॉइंट पब्लिक स्कूल की छात्राओं ने सरस्वती वन्दना पर नृत्य प्रस्तुत कर लोगों का मन मुग्ध कर दिया।
कार्यक्रम में विभिन्न विद्यालयों की 51 मेधावी छात्राओं के साथ- साथ समाज में उत्कृष्ट कार्य करने वाली कई महिलाओं को सम्मानित किया गया। यह कार्यक्रम महिला सशक्तिकरण, शिक्षा एवं सामाजिक योगदान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि पटना उच्च न्यायालय के अधिवक्ता छाया मिश्रा ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की शुरुआत एक आंदोलन के रूप में हुई थी। यह आंदोलन आज से करीब 117 वर्ष पहले 1908 में शुरु हुई थी। इसकी शुरूआत अमेरिका के न्यूयॉर्क में करीब 15 हजार महिलाओं ने मार्च निकालकर नौकरी में कम घंटों, बेहतर वेतन और मतदान के अधिकार की मांग की थी।
उक्त अवसर पर शिखा सिंह परमार एवं मंचाधीन लोगों ने कहा कि महिला दिवस को अंतर्राष्ट्रीय बनाने का विचार क्लारा ज़ेटकिन नामक महिला की देन है। 1910 में कोपेनहेगन में कामकाजी महिलाओं के लिए अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में क्लारा ज़ेटकिन ने इस विचार का सुझाव दिया था। वहां 17 देशों की 100 महिलाएं थीं और सर्वसम्मति से उसके सुझाव पर सहमत हुए। उसके बाद, पहली बार 1911 में ऑस्ट्रेलिया, डेनमार्क, जर्मनी और स्विटजरलैंड में महिला दिवस मनाया गया था। रूस ने 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस को आधिकारिक अवकाश घोषित किया था। यह पहल केवल एक दिन के लिए महिलाओं को सम्मानित करने मात्र तक सीमित नहीं थी, बल्कि इसका उद्देश्य समाज में उनके महत्व को रेखांकित करना और उन्हें हर क्षेत्र में समान अवसर प्रदान करने के प्रति जागरूकता फैलाना था।
समाजसेवी माया श्रीवास्तव ने बताया कि कैसे शिक्षा, रोजगार और नेतृत्व जैसे क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाना महत्वपूर्ण है। उन्होंने घरेलू हिंसा, यौन उत्पीड़न और लैंगिक भेदभाव जैसी सामाजिक बुराइयों के खिलाफ आवाज उठाने और लड़कियों के लिए सुरक्षित और सहायक वातावरण बनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि फाउंडेशन के द्वारा आयोजित इस आयोजन के माध्यम से समाज में एक सकारात्मक संदेश देने का काम किया है, और यह आशा की जाती है कि भविष्य में भी इस तरह के आयोजन होते रहेंगे जो महिलाओं के प्रति सम्मान और समानता को बढ़ावा देंगे।
कार्यक्रम में डॉ अंजना झा, अदिति शेखर, अनिषा कुमारी, प्रवीण कुमारी, प्रियदर्शनी अद्या, डॉ कुमारी सोमा, डॉ पूर्णिमा कुमारी, छाया मिश्र, शिखा सिंह परमार, डॉ नीतु सिंह ,डॉ.शिखा मिश्रा अमृता सिन्हा माधवी मधु मालती, सविता, सीमा सिंह, नारायणी, जया शेषाद्रि, रूपम रानी, सुष्मिता चक्रबर्ती, माया श्रीवास्तव आदि ने अपने विचार रखीं। इन्हें अंगवस्त्र एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया गया ।
सांस्कृतिक ज्ञान प्रतियोगिता में सरस्वती विद्या मंदिर, शास्त्री नगर पटना की छात्राएं विद्या कुमारी, अंजलि कुमारी, प्रिया शर्मा, ऋचा रंजन, सुरभि कुमारी, कोमल कुमारी, राखी कुमारी ,काजल कुमारी, दिशा मिश्रा ,नैना कुमारी, सोनाक्षी कुमारी, खुशी कुमारी। जक्कनपुर साउथ पॉइंट पब्लिक स्कूल की रागिनी कुमारी, एंजेल रॉय, सुकृति, ईशा रंजना, रिया कुमारी, सृष्टि कुमारी, पायल कुमारी, अंशिका राज, जाह्नवी सिंह, अनन्या कुमारी, अभिलाषा कुमारी, एलेना, जिज्ञाषा कुमारी, श्रेया घोष, पिहू कुमारी ,शान्वी सिन्हा कन्या मध्य विद्यालय की अंजलि कुमारी, मुस्कान कुमारी, वंदना कुमारी, तमन्ना कुमारी, रितिका कुमारी, कोमल कुमारी, अंजलि कुमारी, स्वीटी कुमारी,भारती मध्य विद्यालय से अंजलि कुमारी, स्वीटी कुमारी , अंजलि कुमारी, मुस्कान कुमारी, कविता कुमारी, सुरभि कुमारी, शिवानी कुमारी तथा श्रुति कुमारी को मेडल एवं प्रशस्तिपत्र देकर सम्मानित किया गया।
दिव्य जीर्णोद्धार फाउंडेशन की ओर से डॉ राकेश दत्त मिश्र, सुबोध कुमार, लक्ष्मण पाण्डेय, प्रेम सागर पाण्डेय, सुनीता पाण्डेय, ऋचा दुबे, अमर दत्त मिश्र, अभय कुमार सहित अन्य सदस्यगण उपस्थित थे। कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ी महिलाओं ने भाग लिया और अपने विचार साझा किए। छात्राओं को प्रेरित करने के लिए कई प्रबुद्ध वक्ताओं ने शिक्षा, आत्मनिर्भरता और नेतृत्व के महत्व पर प्रकाश डाला।
दिव्य जीर्णोद्धार फाउंडेशन के निदेशक डॉ. राकेश दत्त मिश्र ने कहा कि “महिलाओं का सम्मान और शिक्षा ही समाज की वास्तविक प्रगति का आधार है। हम आगे भी इसी तरह के प्रयासों के माध्यम से महिलाओं को प्रोत्साहित करने का कार्य करते रहेंगे।”
कार्यक्रम के मुख्य आकर्षण में 51 छात्राओं को प्रमाण पत्र एवं उपहार देकर सम्मानित किया गया। समाज सेवा, शिक्षा, चिकित्सा और प्रशासन के क्षेत्र में योगदान देने वाली महिलाओं को विशेष रूप से सम्मानित किया गया। महिला सशक्तिकरण एवं शिक्षा पर चर्चा सत्र का आयोजन किया गया। छात्राओं एवं महिलाओं द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ दी गईं। कार्यक्रम के माध्यम से दिव्य जीर्णोद्धार फाउंडेशन ने यह संदेश दिया है कि महिलाएँ समाज का अभिन्न अंग हैं और उनके योगदान को पहचानना तथा उनका उत्साहवर्धन करना हम सभी का कर्तव्य है।