संगीत से भावनाओं का प्रबंधन

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पटना: 1 मार्च 2025 :: जे.डी विमेन्स कॉलेज, मनोविज्ञान विभाग, काउंसलिंग सेल एवं मां प्रेमा फाउंडेशन के संयुक्त तत्वाधान में म्यूजिक थेरेपी वर्कशॉप का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला के मुख्य वक्ता डा. दुर्गेश कुमार उपाध्याय (महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी) ने कहा कि संगीत व्यक्ति को सहज,सरल, शांत अनुभूति को अनुभव कराता हैं। संगीत मानसिक विकारों को उत्पन्न करने वाले कारकों की पहचान कर, उसे समझ कर, उसे दूर करने का एक सशक्त माध्यम है। संगीत चिकित्सा एक प्रकार का मेडिटेशन है जो व्यक्ति के मन की समानांतर स्तर की चेतना को अनुभव करने का क्षमता विकसित करती है ताकि वह अपने दबे–छुपे विचारों को समझ सके तथा उसे दूर करने हेतु प्रयास कर सके ।
कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में विभिन्न रागों के साथ म्यूजिक थेरेपी के अनुप्रयोग को प्रस्तुत किया गया।
कार्यशाला का आरंभ प्रो. मीरा कुमारी, प्राचार्या (जे.डी विमेन्स कॉलेज), प्रो.मालिनी वर्मा, प्रो. मधु पाण्डे, डा. ब्रजबाला साह , डा. ज्योतिमा पाण्डे, डा. स्नेहा, डा.अजीता व डा. पुष्पा ने दीप प्रज्वलन कर किया। प्राचार्या ने अपने संबोधन में मुख्य वक्ता का स्वागत किया तथा कार्यशाला में इस नए विषय का सीखने का अवसर प्रतिभागियों को प्राप्त होता हैं। इस कार्यशाला में लगभग मनोविज्ञान विभाग, संगीत विभाग के 135 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। कार्यक्रम में कॉलेज की डा. रीता दास, डा. पूनम, डा. इरा यादव, डा. रहमत, डा. अभिषेक, डा. अमर उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन अफ़ाफ़ कादरी ने किया।

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