– जितेन्द्र कुमार सिन्हा
पटना: 29 जनवरी, 2025 :: देश के शहरों में यातायात के साधन बदलने की पहल शुरू हो गई हैं। कार- बस की तरह “पैसेंजर ड्रोन” और “एयरटैक्सी” सेवा शुरू करने के लिए लगभग आधा दर्जन स्टार्टअप कंपनियां अपनी तैयारी शुरु कर दी हैं। भारत मोबिलिटी ग्लोबल एक्सपो में स्टार्टअप कंपनियों ने “एयरटैक्सी”, “पैसेंजर ड्रोन” और “ईवीटॉल (इलेक्ट्रिक वर्टिकल टेकऑउ-लेंडिंग एयरक्राफ्ट)” को लेकर योजनाओं और विजन के साथ इसका प्रोटोटाइप का प्रदर्शन किया है।
आने वाले अगले दो- तीन वर्षों में यानि वर्ष 2027- 28 के बीच कमर्शियल “पैसेंजर ड्रोन” और “एयरटैक्सी” की सेवा शुरू की जायेगी। “इवीटॉल” और “वर्टिकल टेकऑउ- लैंडिंग एयरक्राफ्ट (वीटॉल)” को टेकऑफ और लैंडिंग के लिए रनवे की जरूरत नहीं होती है। मैदान या मकान के छत पर भी आसानी से लैंड और टेकऑफ कर सकता है।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय उन्नत वायु गतिशील समाधानों और वर्टिकल टेकऑफ लैंडिंग विमान के लिए एक नियामक सैंडबॉक्स की योजना बना रही है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय का कहना है कि इलेक्ट्रिक एयर मोबिलिटी का समय आ गया है। डीजीसीए ने इसके विभिन्न पहलुओं से संबंधित छ कार्य समूह स्थापित किए गए हैं। नियम बन जाने के बाद देश में एयरटैक्सी हकीकत बन जाएगी।
सीहॉर्स एयर लिमिटेड अंडमान और लक्षद्वीप जैसे कोस्टल एरिया के साथ मालदीव में दुनियां की पहली एम्फीबियस पैसेंजर ड्रोन लाने की तैयारी में है। यह ड्रोन जमीन और पानी दोनों जगहों से टेकऑफ और लैंडिंग कर सकती है। माइको एयरलाइंस पानी की सतह से तीस फिट फीट की ऊँचाई पर अस्सी से एक सौ किलो मीटर प्रति घंटे की रफतार से उड़ान भरेगी। अभ्युदय भारत बैट्री और पेट्रोल से चलने वाली चार सीटर एयरटैक्सी चलायेगी। इसका इस्तेमाल एयरकार्गो और एयर एम्बुलेंस के तौर पर भी होगा। आई आई टी मद्रास ई-प्लेन कंपनी भी बेंगलुरू में 2027 में तीन सीटर एयरटैक्सी चालू करेगी।
सरला एविएशन कंपनी ने अपने “इवीटॉल शून्य” के प्रोटोटाइप का प्रदर्शन किया है। अब इसे लॉन्च करने का प्लान बना रहा है। इसकी रफ्तार प्रति घंटे 250 किमी तक रहेगी लेकिन यह 20-30 किमी की छोटी यात्राओं के लिए उपयुक्त होगी। इसमें छह यात्रियों के बैठने की व्यवस्था रहेगी। इसी हिसाब से इसे डिजाइन किया गया है। यह अधिकतम 680 किलोग्राम भार ले जा सकेगी।
एयरलाइंस स्टार्टअप जेट-सेट-गो ने अमरीकी कंपनी इलेक्ट्रा, होराइजन के साथ जापानी कंपनी स्काईड्राइव के साथ करार किया है। एयरपोर्ट से शहर के हर कोने तक सेवा देगी। लेकिन यह एयरपोर्ट से अधिकतम 200 किमी तक की दूरी ही तय करेगी। इस एयरटैक्सी को किसी भी बिल्डिंग की छत पर उतारा जा सकता है। कंपनी आगामी तीन से पांच साल के अंदर भारत में एयरटैक्सी सेवाएं शुरू करने की तैयारी कर रही है।
सूत्रों की माने तो ड्रोन से भर सकेंगे कार सहित उड़ान। इस संबंध में एयरपेस इंडस्ट्रीज के उपाध्यक्ष कपिल जैन ने बताया है कि संचालन, चार्जिंग, यात्रियों के बैठने के लिए देशभर में एयरडॉक बनाएं जायेंगे और सेवाएं 2027 में शुरू करने की तैयारी की जा रही है।
चीफ मार्केटिंग ऑफिसर के अनुसार 6 सीटर एयर टैक्सी की रफ्तार 200 किमी प्रति घंटा होगी। एक बार में 200 से 800 किमी तक का सफर तय करेगी। प्रति व्यक्ति खर्च 5-6 रुपए प्रति किमी आयेगा।
यह सेवा देश में सबसे पहले दिल्ली और बेंगलुरु में शुरु होगी। एयरटैक्सी सेवा सबसे पहले इस सेवा को ग्रेटर नोयडा से दिल्ली के बीच और बंगलोरु जैसे शहर में शुरु किया जाएगा। कंपनी का कहना है कि पांच वर्षों में देश के प्रमुख शहरों में यह सेवा शुरू हो जाएगी। वहीं ब्लूज एयरोस्पेस 2027-28 से ग्रेटर नोएडा से दिल्ली के बीच एयरटैक्सी चलाने की तैयारी कर रही है। सरला एविएशन ने अपनी ‘शून्य’ एयरटैक्सी को अगले दो-तीन वर्ष में बेंगलुरु में लॉन्च करेगी।
लोग अब ड्रोन के जरिए कार को भी साथ में लेकर जा सकेंगे। यानि यात्री कार में बैठे रहेंगे और ड्रोन गंतव्य स्थल तक ले जाएगा।