संगीत शिक्षायतन प्रांगण में “नृत्य नाटिका कोशा” का मंचन किया गया

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पटना: दिनांक :: 15 सितंबर 2024 :: नारी ना केवल अपने सौंदर्य से बल्कि साथ ही अपनी कार्य कुशलता व बुद्धिमता से भी अपनी पहचान रखती है। कोशा एक ऐसी ही सुंदर व कुशल, स्वस्थ मानसिकता की स्वतंत्र विचार की नृत्यांगना थी। कोशा मगध राजनर्तकी की सुपुत्री थी। राजनर्तकी सुनंदा अपने बाद उस पद पर कोशा को देखना चाहती थी। तत्कालीन महाराज मगध नरेश धनानंद उसे आश्वासन देते हैं कि कौमुदी महोत्सव के दिन कोशा के नृत्य का आयोजन होगा और उसके बाद कोशा के राजनर्तकी बनने की शुभ घोषणा की जाएगी। नृत्य प्रस्तुति के समय कोशा राज नियम के विरुद्ध एक शर्त रखती है कि उसे भी अपनी मां की तरह दांपत्य जीवन के साथ जीने का अवसर दिया जाएगा। राजा उसकी शर्त मान लेते है। आगे चलकर मगध के महामंत्री शकटार के पुत्र स्थूलभद्र के साथ संगीत साधना करते हुए कोषा और स्थूलभद प्रेमपाश में बंध जाते है। लेकिन आगे चलकर घटाएं कुछ इस तरह से गहराती है कि स्थूलभद्र जीवन से निराश होकर वैराग्य धारण कर लेता है । कालांतर में कोशा भी दुनिया के सुखो से विरक्त हो जाती है , और भगवान महावीर की शरण में जाती है। कोशा प्राचीन काल की ऐसी राजनर्तकी है जिसके रूप सौंदर्य की चर्चा दूर-दूर तक थी लेकिन उसने कभी भी परिस्थितियों से समझौता नही किया और ना कभी हार माना। यह उस समय के स्त्री शक्ति का अनुपम उदाहरण है।
उपसंहार: नारी के अंतर्द्वंद को समाज के समक्ष रखने के साहस को दर्शाती है, जिसने अपनी शर्तों पर कार्य किया और जब उसे लगा इस कार्य में वह आगे अपनी यात्रा जारी नहीं रख सकेगी तो वैराग्य की ओर चली गई।नारी शक्ति को दर्शाती कोशा की कहानी, आज के परिवेश में ऊर्जा भरने योग्य है। हर व्यक्ति के अंदर कई आवाजे होती है। शायद ही वो समाज में उस आवाज ऊपर उठा सके। ऐसा करने की क्षमता केवल उसी में हो सकती है जो बौद्धिक रूप से समर्थ हो। ये साहस शिक्षा व गुणों से आती है। उस गुण पर विश्वास से आती है। कोशा को अपनी नृत्य कला, शिक्षा पर विश्वास था । और वो अपने स्वतंत्र जीवन की इच्छा को सबलता से राजा के सामने रख सकी। इस तरह कही न कही कोशा की या सशक्त साहस एक प्रेरणा प्रद कथानक है।
इसमें जैन मंगलाचरण और उनका जैन विचारों का उद्बोधन भी है। अंत में स्थूलभद्र की ही तरह कोशा भी, जैन मुनि के आचरण को अपनाती है।
इस कहानी मे कोशा और उसके विभिन्न पक्षों को बेहतरीन तरीके से अपनी लेखनी से रेखांकित किया है।
कोशा
लेखक : डॉ किशोर सिन्हा
संगीत: श्री सरोज दास
निर्देशन : सुश्री यामिनी

कोशा के कलाकारों की सूची :-
कंचन प्रिया
शिवानी कुमारी
पियुषी मिश्रा
अपेक्षा देव
तान्या शर्मा
रवि मिश्रा
रॉनी
ऋषि कुमार
बादल कुमार

आदर्श वैभव : श्रियक
विशाल तिवारी: स्थूलभद्र
स्वेता सुरभि: चित्रा
कोशा : यामिनी

मंच सज्जा: आदर्श वैभव, रवि मिश्रा
प्रकाश: रंजीत कुमार
वस्त्र विन्यास : तान्या शर्मा, शिवानी कुमारी
रूपसज्जा: अपेक्षा, कंचन प्रिया
कैमरा : परमिंदर सिंह सांगा, शुभम कुमार

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