पटना: 9 जून 2024 :: सांस्कृतिक कार्यक्रम और कला प्रदर्शनी द्वारा 15 दिवसीय ग्रीष्म कालिन कार्यशाला ‘ तुम और हम ‘ का समापन समारोह “क्राउनिग टच” आयोजित किया गया।
कार्यशाला में 55 प्रशिक्षुओं ने भाग लिया। 15 दिनों से चल रहे “तुम और हम” ग्रीष्म कालीन कार्यशाला के 7 से 14 वर्ष के प्रशिक्षुओं द्वारा बनाए “चूं चूं चिड़ियों का घर” और बर्ड फीडर तथा चित्रकला की प्रदर्शनी लगाई गई। ट्राइबल पेंटिंग को बहुत ही खूबसूरती से दैनिक अखबार पर बनाया गया था। तथा पेंटिंग की माउंटिंग, पेपर कैनवास बच्चो ने स्वयं बनाया था।
कार्यक्रम की शुरुवात दीप प्रज्वलन से हुई। नन्हे परशिक्षुओं ने राग भूपाली में गणेश वंदना ‘ गाइए गण पति…’ तथा सा से सरगम…. मधुर गीत गया।
कथक शैली में जब प्यार किया तो डरना क्या… फिल्म के गाने पर जूनियर ग्रुप के द्वारा प्रस्तुति हुई। बरसो रे मेघा… वैक स्टाइल में तथा वॉलीवुड स्टाइल में तारे गिन गिन… और हिप हॉप मिक्स की प्रस्तुति अर्पिता, तान्या, प्रिशा, समृद्धि, परी, कौशिकी कृति ज्ञानवि, अवनी, दृश्या, दीक्षिता, सूफी, समृद्धि आकृति, पियूष, अभिज्ञान, अभिराज, अक्षत, सक्षम, नमेश आदि ने प्रस्तुत किया।
वही 8 दिनों चल रहे शास्त्रीय नृत्य कथक पर आधारित ‘ लव ऑफ डांस कथक ‘ कार्यशाला का भी समापन रुद्राष्टकम, तथा योग नृत्य से किया गया।
कथक कार्यशाला नृत्य और योग पर केंद्रित थी। विख्यात कथक नृत्यांगना सुश्री यामिनी ने नृत्य में योग की प्रासंगिकता के बारे में बताया। “एक नर्तक या नर्तकी को नृत्य प्रशिक्षण के दौरान से ही योग की भी शिक्षा और अभ्यास करना आवश्यक है। योग से आचरण – व्यवहार में सात्विकता आती है। सात्विक प्रवृति नृत्य कलाकारों में गुणों को ग्रहण करने की क्षमता को विकसित करती है। साधना के लिए एकाग्रता बढ़ती है। सात्विक व्यक्तित्व शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहता है। अतः नृत्य प्रस्तुति दिव्य अलौकिता के साथ प्रदर्शित होती है। उसी तरह से नृत्य में स्वास लेने और छोड़ने के भी अपने स्थान और उसके प्रभाव स्पष्ट है।जिसमे प्राणायाम साधना की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।”
योग की मुद्राओं का समावेश तैयार सुंदर नृत्य संरचना आदित्य ह्रदय स्त्रोत तान्या शर्मा, हर्षिता, शिवानी कुमारी सिंह और अंशिका ने प्रस्तुति किया। तराना, तोड़ा से सजे कथक शैली में रुद्राष्टकम शिव की स्तुति प्रस्तुत की गई।
उक्त अवसर पर कार्यशाला में सम्मीलित सभी विशेषज्ञ उपस्थित थे। कला विशेषज्ञ : विष्णुदेव विशु, योग विशेषज्ञ: अभिषेक कुमार, गायन विशेषज्ञ: राजू कुमार, नृत्य विशेषज्ञ: रवि मिश्रा तथा कंचन प्रिया का सम्मान संस्था की अध्यक्षा रेखा शर्मा द्वारा किया गया। प्रतिभागियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए सभी को प्रमाण पत्र भी प्रदान किया गया।