धार्मिक न्यास बोर्ड के समाप्त होने और सरकारी नियन्त्रण से मठ मन्दिरों के मुक्त होने तक संघर्ष जारी रहेगा : डॉ राकेश दत्त मिश्र

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  • जितेन्द्र कुमार सिन्हा

पटना: 5 दिसम्बर 2023 :: धार्मिक न्यास बोर्ड के समाप्त होने और सरकारी नियन्त्रण से मठ मन्दिरों के मुक्त होने तक संघर्ष जारी रहेगा – आगामी विधानसभा चुनाव में बिहार में होगा साधू मुख्यमंत्री। उक्त बातें रविवार 3 दिसंबर 2023 को पटना के इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आई एम् ए) हॉल में भारतीय जन क्रांति दल डेमोक्रेटिक के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ राकेश दत्त मिश्र ने कही।

उन्होंने बताया कि सनातन धर्म रक्षा सम्मेलन का आयोजन भारतीय जन क्रांति दल डेमोक्रेटिक एवं मठ मन्दिर बचाओ महाभियान के संयुक्त तत्वाधान में किया गया था। सम्मेलन में बड़ी संख्या में साधू-संत भाग लिए। कार्यक्रम में सनातन जागृति संस्था के द्वारा हलाल जिहाद एवं मठ मन्दिरों की वर्तमान स्थिति पर विस्तार से चर्चा करते हुए लोगों को जागरूक किया गया। मठ मन्दिर अभियान के संयोजक महंथ महेंद्र दास ने बताया कि सरकार के लिए मन्दिर, आस्था का केन्द्र नहीं है, अपितु धन उगाही का केन्द्र मात्र है।

सम्मेलन को संबोधित करते हुए साहित्यकार कमलेश पुण्यार्क ने कहा कि जब तक मन्दिरों पर सरकारी नियन्त्रण है, तब-तक सनातनियों को चाहिए मन्दिरों में दान न करें।
भारतीय जन क्रान्ति दल के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ राकेश दत्त मिश्र ने बताया कि भारत में सबसे ज्यादा प्रताड़ित अगर कोई है तो हिन्दू है, वहुसंख्यक होते हुए भी हिन्दुओं के साथ दोयम दर्जे का व्यवहार किया जाता है, जब भी चुनाव का समय आता है तो सभी पार्टियां सनातन धर्म पर कुठाराघात करती है, सभी के निशाने पर सिर्फ सनातनी ही है | सनातन धर्म के विरुद्ध लव जिहाद, हलाल जिहाद और धर्मांतरण जैसे षडयन्त्र लगातार चलाकर इसे कमजोर करने का प्रयास किया जा रहा है। सरकार के द्वारा भी मन्दिरों पर सरकारी नियन्त्रण कर इसे कमजोर करने का प्रयास हो रहा है। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी ने आज से आन्दोलन का श्रीगणेश किया है, जब तक बिहार से धार्मिक न्यास बोर्ड की समाप्ति नहीं होती है और मठ मन्दिरों को सरकारी नियन्त्रण से मुक्त नहीं किया जाता है तब तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा।

डॉ मिश्र ने बताया कि जल्द ही प्रतिरोध मार्च निकाली जायेगी और उसके बाद धरना प्रदर्शन भी शुरू होगा। उन्होंने बताया कि प्रतिज्ञा लिया गया है कि बिहार से धर्म द्रोही नेताओं को समाप्त कर एक साधू को बिहार का अगला मुख्यमंत्री बनाया जायेगा।

महंथ धर्मदास ने कहा कि सरकार मन्दिरों पर कर लगा रखी है, परन्तु मस्जिदों एवं चर्चो पर कोई कर नहीं लगा कर सनातन धर्म के साथ दोगली निति अपनायी है, जो सरासर गलत है।
कार्यक्रम में गरीब नाथ मन्दिर के पुजारी कमल पाठक ने लोगों का ध्यान सरकार की उदाशीनता पर दिलाया।

कार्यक्रम में महंथ रामशरण दास, सुरेश दास, धनदास, बालक दास, सागरदास, श्याम दास, स्वामी बाल कृष्ण, राम भसन दास, नारायण दास, दिनेश दास, अमरजी दास, निरंजन शर्मा, कमलेश पुण्यार्क , कमल पाठक, महेश दास, जितेन्द्र कुमार सिन्हा, संजीव कुमार सिंह, स्व सैनिक सिंह, समता देवी, प्रभात रंजन ठाकुर, राजन केशरी, राकेश श्रीवास्तव, हिमालय सिंह, उषा कुमारी, तन्मय राज, संतोष सिंह, सकू उपाध्द्याय, चंचल कुमार द्विवेदी, राजकुमार चौबे, सत्यम कुमार, रौशन कुमार, प्रेम सागर पाण्डेय, कृष्ण बल्लभ शर्मा, बजरंग दास, महावीर दास, राजीव गंगौल, बैजू कुमार, संजय कुमार, आनंद शर्मा, युवराज राठौड़, पुरुषोतम कुमार, आकाश सिंह, अभय कुमार, अमित कुमार, विवेकानंद पाण्डेय, संदीप मिश्र, विजय शंकर मिश्र, ऋचा श्रावणी, ब्रजेश कुमार, जय मंगल प्रसाद, आदित्य दर्शन ने अपना – अपना विचार रखा। कृष्ण बल्लभ शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

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