मानसिक रोगियों की देखभाल में रखे गए स्टाफ को अपने मानसिक स्वास्थ्य का भी ख्याल रखना चाहिए : डॉक्टर मनोज

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जिला समाजिक सुरक्षा कोषांग ,पटना ,समाज कल्याण विभाग, बिहार सरकार व मारीवाला हेल्थ इनीशियेटिव (एम.एच.आई) के तत्वावधान में आज एक कार्यशाला का आयोजन किया गया । पटना में संचालित मुख्यमंत्री भिक्षावृत्ति निवारण योजना अंतर्गत भिक्षुक पुनर्वास गृह तथा एम .आई .क्योर होम्स के सभी कर्मियों का आज दिनांक 25 सितबंर 2023 को पूर्वाहन में कार्य करने के लिए प्रशिक्षित किया गया। प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन पटना के अपनाघर के राज्य मुख्यालय सक्षम हॉल में आयोजित किया गया ।कार्यक्रम में समाजिक सुरक्षा कोषांग,पटना की सहायक निदेशक श्रीमती स्नेहा द्वारा बताया गया की मानवीयता की सेवा किसी न किसी रूप में अवश्य करनी चाहिए। दिव्यांग और असहाय लोगों के लिए काम करने के लिए सकारात्मक ऊर्जा के साथ-साथ निरंतर सीखने की जरूरत होती है। कार्यशाला में मुख्य वक्ता डॉ॰ मनोज कुमार द्वारा सभी कर्मियों को संबोधित करते हुए बताया गया की मानसिक स्वास्थ्य पर प्रोफेशनल कर्मियों को कार्य करने के लिए उच्चतम कौशल की आवश्यकता होती है। मानसिक रूप से दिव्यांग व्यक्ति और उनके परिजनों के साथ विवेकपूर्ण तरीके से बात करने के आलावा कर्मियों को अपने भी मानसिक स्वास्थ्य की देखरेख करते रहना चाहिए। इस अवसर पर सभी कर्मियों को मानसिक स्वास्थ्य में कार्य करने और मानसिक रूप से कमजोर लोगों के प्रति मानवीय व्यवहार अपनाने पर जोर दिया गया ।कर्मियों को कार्य के दौरान होनेवाले रोजमर्रा के तनाव और आंतरिक तनाव को बताया गया।
शुरुआत में तनाव और आंतरिक दबाव के शोर में मानसिक मरीजों के लिए कार्यरत लोग स्वयं को समाज से दूर करने लगते हैं। कुछ मामलों में उन्हें अलग नजरिये से देखा जाता है। ऐसी भावनात्मक नजरिये से कर्मियों में भी तनाव ,चिंता और अवसाद उभर सकते हैं। ऐसे में स्वयं का आंकलन कैसे करें और खुद को तरोताजा व मोटिवेटेड कैसे रखें ।इसपर बहुत सारे तकनीक कर्मियों ने सीखे।साथ ही डॉ॰ मनोज द्वारा कर्मियों के कार्य की उपयोगीता कितनी है इससे भी परिचित कराया गया ।
मानसिक मरीजों के पुनर्वास में लगे स्टाफ का स्वयं का अपना हेल्थ मायने रखता है। इसी कङी में नित्य नये तनाव के बढते आयाम से डा. मनोज द्वारा विस्तारित जानकारी दी गयी।ज्ञातव्य हो कि इन गृहों में मानसिक रूप से रुग्ण व्यक्तियों को उपचार के पश्चात मानसिक आरोग्यशाला कोईलवर से लाभार्थीयों को पुनर्वास हेतु यहाँ आवासित किये जाते हैं। आज के कार्यशाला में डॉ॰ मनोज कुमार,मनोवैज्ञानिक द्वारा पटना जिला में कार्यरत आउटरिच वर्कर,क्षेत्र समन्वयक,अधीक्षक, परामर्शदाता एवं गृह के अन्य कर्मियों को मानसिक समस्या पीड़ितों के साथ अंतवैयक्तिक संबंध कैसे रखे जायें तथा यहाँ कार्य करते हुए कर्मिगण स्वयं का समायोजन लाभार्थी से कैसे करें ।इस पर बङे स्तर पर प्रैक्टिकल ट्रेनिंग डॉ॰ कुमार ने दिए।इसके साथ ही दिन-रात भर्ती मानसिक स्वास्थ्य से जूझ रहे लोगों के देखभाल करते हुए कर्मिगण तनाव फ्री कैसे रहे इसके लिए तकनीकी पक्षों को डॉ॰ मनोज कुमार ने उजागर किया।
आज के इस जिलास्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में डॉ॰ मनोज कुमार द्वारा कर्मियों को बताया गया की गृह में आवासीत मरीजों के अपने-अपने हक होते है।तनाव में आकर अनेकों बार इस प्रोफेशन में मानवीय अधिकारों का उल्लंघन होने का खतरा बना रहता है। इसलिए कर्मियों को मानसिक रूप से बीमार लोगों का ख्याल स्वयं को उनके जगह रख कर करना चाहिए ।इस अवसर पर पुरे पटना से करीब 50 कर्मियों को मानसिक स्वास्थ्य पर कार्य करने और स्वयं को फिट रखने का प्रशिक्षण दिये गये।कार्यशाला को सफल बनाने में मैमूना व कुंदन कुमार द्वारा योगदान मिला ।

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