राष्ट्रीय शिक्षा नीति भारतीय ज्ञान परंपरा और नई प्रौद्योगिकी का समावेश है : प्रो. टी एन सिंह

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पटना: 26 जुलाई 2023 :: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) पटना में आज राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 की तीसरी वर्षगाँठ पर ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने के लिए रणनीतिक कार्य योजना’ विषय पर आयोजित संवादाता सम्मलेन को संबोधित करते हुए आईआईटी पटना के निदेशक प्रो. टी एन सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति सबके लिए है। इसमें सभी लोग समाहित हो सकते हैं। इसमें कर्तव्य परायणता सभी के लिए निर्धारित की गई है। साथ ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति सर्वग्राही है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति भारतीय ज्ञान परंपरा के समावेश के साथ- साथ नई प्रौद्योगिकी को समाहित किये हुई है।

प्रो टी.एन. सिंह, निदेशक, आईआईटी पटना; प्रो ए.के. ठाकुर (डीन, अकादमिक, आईआईटी पटना), अरविंद कुमार मिश्रा ( आर ओ , सीबीएसई, , पटना), पी. मंडल (असिस्टेंट कमिश्नर, आरओ, केंद्रीय विद्यालय संगठन पटना), सी. हरि बाबू (डिप्टी कमिश्नर, नवोदय विद्यालय समिति पटना), योगेंद्र कुमार (संयुक्त निदेशक, कौशल विकास मंत्रालय) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया और एनईपी के कार्यान्वयन की दिशा में की गई पहलों के बारे में विस्तार से बताया।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति की तीसरी वर्षगांठ पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन, प्रेस इन्फार्मेशन ब्यूरो पटना के सहयोग से आयोजित की गई। मौके पर पीआईबी के निदेशक आशीष के.ए. लकरा, उपनिदेशक संजय कुमार, क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी पवन कुमार सिन्हा आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन आईआईटी पटना के जनसंपर्क विभाग के कृपाशंकर सिंह ने किया ।

प्रो. टी एन सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति जैसा विश्व का शायद ही कोई डाक्यूमेंट्स होगा, जिस पर देश से लेकर गांव के स्तर तक चर्चा हुई हो और उस पर आने वाले विचारों को शामिल किया गया हो। उन्होंने कहा कि इससे पहले जितनी भी शिक्षा नीति बनाई गई, उसका नाम उनके बनाने वाले के नाम पर ही होता था। लेकिन राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर ऐसा नहीं है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति ज्ञान आधारित शिक्षा को बढ़ावा देती है ना कि रटन विद्या को। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति समावेशी भाव से ओतप्रोत है और सद्भावना, करुणा को लेकर आगे बढ़ने वाली है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति हम सारे लोगों को मिलकर एक ऐसे समाज का निर्माण करने के लिए प्रेरित करती है, जिसमें कोई भेदभाव ना हो कोई और ना को भाषाई बंधन हो और यही इस राष्ट्रीय शिक्षा नीति का मूल उद्देश्य भी है।

संवादाता सम्मलेन को संबोधित करते हुए आईआईटी पटना के ऐकडेमिक डीन प्रोफेसर ए.के. ठाकुर ने कहा कि आजादी के पहले भी कई शिक्षा नीति लागू थी और आजादी के बाद भी लेकिन किसी भी शिक्षा नीति में युवाओं के कौशल विकास को लेकर दी जाने वाली शिक्षा समाहित नहीं थी। वहीं राष्ट्रीय शिक्षा नीति कौशल विकास पर बल देने वाली है और रोजगार उन्मुखी शिक्षा प्रदान करने वाली है। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर विस्तारपूर्वक चर्चा करते हुए कहा कि यह अपने स्वभाव व स्वरूप में बेहद लचीली है। अगर कोई बच्चा 10th के बाद नौकरी करते हुए भी पढ़ाई करना चाहता है तो यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति उसे पढ़ाई करने की व्यवस्था करती है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद यह पहली ऐसी शिक्षा नीति है, जिसमें 2 वर्ष तक लोगों के विचार लिए गए हैं और उसके बाद राष्ट्रीय शिक्षा नीति का मसौदा तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में लोकल लैंग्वेज यानी स्थानीय भाषा को बढ़ावा देने पर बल दिया गया है। उन्होंने आईआईटी पटना के संदर्भ में चर्चा करते हुए कहा कि यहां पर इसी वर्ष से एक हाइब्रिड मोड शिक्षा प्रणाली कार्यक्रम लागू किया जा रहा है, जिसमें कोई भी विद्यार्थी एक साथ दो विषयों को पढ़ सकता है। पढ़ाई को सुबह और शाम दो पालियों में बांटा गया है।

इस अवसर पर सीबीएसई, आरओ, पटना के अधिकारी अरविंद कुमार मिश्रा ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 आवश्यकता नहीं बल्कि अनिवार्यता बन गई है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति का मूल उद्देश्य एक अच्छा इंसान बनाना है और जिसकी कस्तूरीरंगन समिति की प्रस्तावना में भी स्पष्ट झलक देखने को मिलती है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 अलग-अलग चरण में लागू हो रहा है और इसे 2030 तक पूरी तरह से लागू कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत सीबीएसई ने इंटरनल एसेसमेंट की व्यवस्था किया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति रोजगार उन्मुखी शिक्षा को बढ़ावा देने वाली है।

केंद्रीय विद्यालय संगठन, आरओ, पटना के असिस्टेंट कमिश्नर पी मंडल ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति की सबसे बड़ी बात डिजिटल और टेक्नोलॉजी का समावेशन किया जाना है। उन्होंने कहा कि बीते वर्ष जहां पायलट प्रोजेक्ट के रूप में देश के 50 केंद्रीय विद्यालयों में बाल वाटिका की व्यवस्था की गई थी वहीं इस वर्ष देश के लगभग 450 केंद्रीय विद्यालयों में बाल वाटिका की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि अब देश भर में 1200 केंद्रीय विद्यालयों में से 500 केंद्रीय विद्यालय में बाल वाटिका की व्यवस्था है और इसे आने वाले वर्षों में और भी बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि केंद्रीय विद्यालयों में प्रत्येक बच्चों के इंप्रूवमेंट के लिए कई स्तर पर जांच की व्यवस्था की गई है। यह केंद्रीय विद्यालयों द्वारा एक अच्छी पहल है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में स्पोर्ट्स, आर्ट्स, टॉयज आधारित शिक्षा को बढ़ावा दिया जा रहा है।

मौके पर नवोदय विद्यालय समिति पटना के डिप्टी कमिश्नर सी हरि बाबू ने कहा कि नवोदय विद्यालयों में डिजिटल माध्यम से शिक्षा प्रदान की जा रही है। ई विद्या के माध्यम से शिक्षक विद्यार्थियों को पीपीटी, वीडियो बनाकर शिक्षा प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में जॉय फुल लर्निंग पर जोर दिया गया है, जिसे नवोदय विद्यालय बखूबी पालन कर रहा है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में एक विषय को दूसरे के साथ जोड़कर पढ़ाने की परिकल्पना शानदार है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भारतीय भाषाओं को प्रमोट किया जा रहा है, जो कि एक सराहनीय कदम है।

संवाददाता सम्मेलन में कौशल विकास मंत्रालय के संयुक्त निदेशक योगेंद्र कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति की खास बात इसमें कौशल विकास को शामिल किया जाना है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में टेक्नोलॉजी की मदद से शिक्षा को नया आयाम दिया जा रहा है।

आज के इस प्रेस वार्ता में आईआईटी पटना के कई फैकल्टी , स्टाफ, ऑफिसर सहित कई अन्य गणमान्य लोग मौजूद थे।

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