पटना: 02 मई 2022 :: ’समर्पण’ (बिहार इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल मेडीसिन, चिकित्सीय प्रबंधन, मानसिक स्वास्थ्य, विशेष शिक्षा, अनुसंधान और पुनर्वास केन्द्र) के तत्वाधान में आज दिनांक 1 मई 2022 (रविवार) को पूर्वाहण 11:00 बजे से मजदूर दिवस के अवसर पर दिव्यांग अधिकार कार्यशाला का आयोजन समर्पण सेमिनार हॉल, इलाहीबाग, न्यू बस स्टैंड के पास, बैरिया, पटना- 800007 में किया गया । आज के कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि सुमित कुमार (उपसचिव, समाज कल्याण विभाग , बिहार सरकार), पदमश्री विमल जैन (अध्यक्ष विकलांग अस्पताल) ने संयुक्त रूप से किया। मौके पर शिवाजी कुमार (पूर्व राज्य आयुक्त नि:शक्तता, बिहार सरकार), प्रवीण कुमार मिश्रा (अध्यक्ष बी.ए.पी.डी.), प्रिंस राज (समाजसेवी), अवधेश कुमार (समाजसेवी) डॉ० ऋतु रंजन (अध्यक्ष, चाईल्ड कन्सर्न), अशोक कुमार वर्मा (समाजसेवी), डॉ० अविनाश प्रसाद (समाजसेवी), डॉ० उमाशंकर सिंह (साहित्याकार), शिव कुमार (समाजसेवी), हिरदय यादव (उपाध्यक्ष बी.ए.पी.डी.), अभीजीत कुमार (समाजसेवी), सुलेखा कुमारी (सचिव समर्पण), पिंकी यादव (वार्ड पार्षद), मधु श्रीवास्तव (सचिव, बिहार सिविल सोसाईटी फोरम), ब्यास मुनि दुबे (समाजसेवी), संजीव कुमार, संदीप कुमार, सुगन्ध नारायण प्रसाद, संतोष कुमार सिन्हा, आदित्या कुमार, शिशुपाल कुमार, विशाल कुमार, अभिभाकगण, दिव्यांगजन विशेषज्ञ एवं सैंकड़ों दिव्यांगजन उपस्थित थे। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य है दिव्यांगजनों को प्रशिक्षण के माध्यम से स्वावलंबन बनाना, पुनर्वासित करना एवं समाज के मुख्यधारा से जोड़ना है। 1 मई को हर साल मजदूर दिवस मनाने का उद्धेश्य मजदूरों और श्रमिकों की उपलब्धियों का सम्मान करना और योगदान को याद करना है। इसके साथ ही मजदूरों के हक और अधिकारों के लिए आवाज बुलंद करना और शोषण को रोकना है। इस दिन बहुत सारे संगठनों में कर्मचारियों को एक दिन की छुट्टी दी जाती है।
अपने संबोधन भाषण में मुख्य अतिथि श्री सुमित कुमार ने कहा कि हम मजदुर हैं मजबूर नहीं। हम अपनी मेहनत एवं लगन से अपनी जीवन को पालन करता है। मैं यह अश्वासन देता हूं कि समर्पण की जब भी मेरी जरूरत होगी मैं तत्पर रहुंगा। जिस लक्ष्य को प्राप्त करना है उसका सपना देखिए। हर साल 1 मई को देश-दुनिया में मजदूर दिवस मनाया जाता है। मजदूरों और श्रमिकों को सम्मान देने के उद्देश्य से हर साल एक मई का दिन इनको समर्पित होता है। जिसे लेबर डे, श्रमिक दिवस, मजदूर दिवस, मई डे के नाम से जाना जाता है। मजदूर दिवस का दिन ना केवल श्रमिकों को सम्मान देने के लिए होता है बल्कि इस दिन मजदूरों के हक के प्रति आवाज भी उठाई जाती है। जिससे कि उन्हें समान अधिकार मिल सके।
डॉ० शिवाजी कुमार ने बताया कि बिहार के सभी दिव्यांगजन को समाज मुख्यधारा से एवं रोजगार से जोड़ना हमारा लक्ष्य है। समाज के अन्तिम पायदान के दिव्यांगजन सम्मान पुर्वक जीवन यापन करें यही हमारा उद्देश्य है। उन्होने बताया कि 1 मई 1886 को अमेरिका में आंदोलन की शुरूआत हुई थी। इस आंदोलन में अमेरिका के मजदूर सड़कों पर आ गए थे और वो अपने हक के लिए आवाज बुलंद करने लगे। इस तरह के आंदोलन का कारण था काम के घंटे क्योंकि मजदूरों से दिन के 15-15 घंटे काम लिया जाता था। आंदोलन के बीच में मजदूरों पर पुलिस ने गोली चला दी और कई मजदूरों की जान चली गई। वहीं 100 से ज्यादा श्रमिक घायल हो गए। इस आंदोलन के तीन साल बाद 1889 में अंतरराष्ट्रीय समाजवादी सम्मेलन की बैठक हुई। जिसमे तय हुआ कि हर मजदूर से केवल दिन के 8 घंटे ही काम लिया जाएगा।
पदमश्री विमल जैन ने कहा कि 21 सदी में दिव्यांगजन मुक्त बिहार बनाना है एवं किसी भी दिव्यांगजन को कृत्रिम अंग, उपकरण एवं ईलाज की आवश्यकता है हमारे पास आयें उन्हे मुफ्त में उपलब्ध कराया जायेगा।
डॉ० ऋतु रंजन ने मानवाधिकार एवं दिव्यांगजन अधिकार के अधिनियममों के बारे में बताई एवं कहाकि सभी केा दिव्यांग अधिकार अधिनियम के बारे में जानकारी होनी चाहिए।
सभी अतिथियों ने दिव्यांगजन के अधिकारों एवं उन्हें सक्षम बनानें पर जोर दिया और बताया की हम सभी दिव्यांगजनों सहायता के लिए तत्तपर हैं। कोई भी दिव्यांगजन अपने को मजबूर एवं अकेला नहीं समझे।
आज के कार्यशाला में विशेषज्ञों द्वारा दिव्यांगजनों शिक्षण प्रशिक्षण देकर रोजगार से जोड़ने का कार्य करने पर जोड़ दिया। दिव्यांगजनों में प्रतिभा की कमी नहीं है बस उसे निखारना है।
प्रवीण मिश्रा एवं ह्रिदय यादव ने बताया कि बिहार एसोसिएशन ऑफ पर्सन्स विथ डिसएबिलिटिज के विशेष आग्रह पर समर्पण में कार्यशाला कराई गई है। हम सभी दिव्यांगजनों को इसकी लाभ लेनी चाहिए एवं अमल करनी चाहिए।
आज के कार्यक्रम में 2 साल से 12 साल के हेल्दी एथलीट को एवं समर्पण में अच्छे कार्य करने बाले कर्मचारियों को अंग वस्त्र, मोमेण्टो एवं प्रशस्ती प्रत्र देकर सम्मानीत भी किया गया।
आज के कार्यशाला में शिवानी कुमारी, गौतम कुमार, मुन्नी देवी, सुनील कुमार, शिवम कुमार, आदित्या कुमार, चंचल देवी, दीपक महतो, विशु कुमार, आयुष कुमार,सविता कुमारी, अजीत कुमार, इंदल कुमार, गुंजन पांडे, सिकन्दर राय, अमरजीत कुमार, विमल कुमार, अनीश कुमार, मुन्नु कुमार, मंडल कुमार, सुरेन्द्र पासवन, राजीव राय, सुनील, हेमन्त लाल, हिमान्शु कुमार,निरज कुमार, अमीत कुमार, अर्जुन पाण्डेय, अमृत कुमार महतो, विनय पाण्डेय, अरविन्द किशोर, प्रमानन्द सिंह, अंकित मिश्रा, अभिषेक, गजेन्द्रकुमार, अमिषा प्रकाश, राजकुमार, सुनील कुमार, शिशिर कुमार, डोमन चौधरी, राम प्रसाद, शिवम, अमरेन्द्र कुमार, विशाल कुमार, मनोज कुमार शर्मा, अशोक कुमार गुप्ता, चंदा भारती,संजना कुमारी, शिशुपाल कुमार, कुन्दन कुमार पाण्डेय, अभीजीत कुमार, आशा रानी,शिशिर कुमार, अविनाश कुमार, संजीव कुमार, बुल्लु कुमार शर्मा, राजीव कुमार, रंजीत राज, शुभ, विशाल कुमार, आदित्या कुमार, रामबालक, शुशील आदि ने भाग लिया । और बताया कि इस तरह के कार्यक्रम से हम सभी दिव्यांगजनों को काफी लाभ मिलता है और लगता है हमारे पीछे कोई है। हम अपने आप को अकेला नही समझते।
आज के कार्यशाला का संचालन धीरज कुमार एवं धन्यवाद ज्ञापन संतोष कुमार सिन्हा के द्वारा किया गया। कार्यक्रम केा सफल बनाने में नीतु कुमारी, आदित्या कुमार, विशाल कुमार, रंजीत राज, गुडडु कुमार, जयंत कुमार, संतोष कुमार, रीना देवी, पुनम देवी, हेमन्त लाल, लक्ष्मीकान्त कुमार, शेखर चारसिया आदी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाया।