कृषि मंत्री अमरेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि मखाना बिहार का एक विशिष्ट उत्पाद हैं। विश्व का लगभग 90 प्रतिशत मखाना का उत्पादन बिहार राज्य में होता है। सम्पूर्ण मिथिलांचल मखाना उत्पादन के लिए विश्व प्रसिद्ध हैं। मिथिलांचल की पहचान “पान- पग, पोखर, माछ मखान” है, इस क्षेत्र में हजारों की संख्या में तालाब, पोखर उपलब्ध हैं। बड़ी संख्या में मछुआरा समुदाय के लोग मखाना उत्पादन का कार्य करते है।
माननीय कृषि मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार मखाना के विकास के लिए कृति संकल्पित है, मखाना को “जल-जीवन- हरियाली” अभियान में शामिल करके यात्रा के दौरान विभिन्न जिला स्तरीय उद्घाटन कार्यक्रम में माननीय मुख्य मंत्री बिहार नीतीश कुमार जी ने मखाना के उत्पादन के उन्नतशील प्रभेदो के बीज के प्रचार-प्रसार का निर्देश दिया गया ।
श्री सिंह ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा मिथिलांचल क्षेत्र के विशेष फसल मखाना को वैश्विक पहचान (जी आई टैग) की कार्यवाही की गई । गत विधान परिषद के सत्र में विधान परिषद के माननीय सदस्य के मखाना से संबंधित प्रश्न पर जबाब देते हुए मैंने आश्वासन दिया था कि राज्य सरकार के प्रयास से मखाना को “मिथिला मखाना” के नाम से वैश्विक पहचान (जी आई टैग) जल्द ही मिलेगा ।
हाल ही में, भारत सरकार के भौगोलिक संकेत रजिस्ट्री के कंसल्टेटिव समूह के सदस्यों की एक टीम ने राज्य का भ्रमण किया तथा मिथिलांचल मखाना उत्पादक कृषक समूहों और पदाधिकारियों के साथ बैठक की हैं।
मिथिला मखाना को जी आई टैग मिलने से राज्य के इस विशेष फसल के विकास और निर्यात में वृद्धि होगी ।