- अवधेश झा
पुष्प की कामना:
रहेंगे हम आपके शब्द और विचार में।
हृदय के अंतः भाव और संस्कार में ।।
पुष्प से,
प्रेम और आनंद की प्रतिमूर्ति
हरते तुम सब संताप विकृति।
तुम्हें रखूं हमेशा हृदय के पास,
तुम्हीं हो मन की अंतिम प्रयास।।
छंद विधा के पारस कण पर,
शब्द है या मानस अभिव्यक्ति।
कोमल हृदय के मूल धारा पर,
दीप्त से दीप्ति की भाव स्वीकृति।।