पटना: 02 अक्टूबर 2021 :: महात्मा गांधी की छवि आम तौर पर एक धीर-गंभीर विचारक, आध्यात्मिक महापुरुष और एक कड़क अनुशासन प्रिय राजनेता की रही है। गांधी जी के उसूल और विचार ज्यादा प्रभावशील रहे। यही कारण था कि गांधी जी ने महज सत्य और अहिंसा के बल पर न केवल देश को ब्रिटिश हुकूमत की चंगुल से आजाद करवाया बल्कि देश के पुनरोउत्थान में अहम भूमिका निभाई।
संगीत शिक्षायतन के प्रांगण में गांधी जी की 151वीं जयंती के उपलक्ष में गांधी विचारो के व्याख्यान तथा सांस्कृतिक कार्यक्रमों में नृत्य, संगीत, का आयोजन हुआ।
कार्यक्रम की शुरुवात वंदन और फिर शिक्षायतन पटना के विभिन्न विभाग से तमाम शिक्षार्थियों ने अपनी अपनी कला का प्रदर्शन किया।
सांस्कृतिक कार्यक्रम में गायन विभाग से गांधी जी के पसंदीदा भजन में राम धुन ” हे राम हे राम” … और “वैष्णव जन को तेने कहिए…” भजन को अमित प्रकाश, अनन्या सिंह,पूजा, विक्रम, मिलन गोस्वामी ने सभा में हृदय को छू लेने वाले मधुर संगीत धारा का प्रवाह किया।
साथ ही साहित्य विभाग से अपूर्वा अनन्या ने महात्मा गांधी जी की जीवनी और आंदोलनों को अपने आलेख में उजागर किया। असहयोग आंदोलन और डांडी यात्रा को कथा स्वरूप में उवाच किया।
श्री राम चंद्र कृपालु भजमन …. भजन पर अपूर्वा अनन्या, अनन्या कुमारी, शालिनी, मनस्वी ने भक्ति भाव से नृत्य किया।
कथक नृत्यांगना व शिक्षायतन की न्यासी यामिनी ने उपस्थित सभी शिक्षार्थियों को गांधी जी के बताए सरल जीवन में उपयोगी आदर्शो को बताते हुए उसके पालन करने की प्रेरणा दी। गांधी जी हमेशा से आत्म मूल्यांकन और मूल्यों की बात करते थे। उनके लिए केवल जीत हासिल करना ऊपरी चाह नही थी। वे आत्म विश्वास के साथ अपनी बात रखने और जीने की शिक्षा देते थे।
संगीत शिक्षायतन संस्था की अध्यक्षा रेखा शर्मा ने पुष्प गुच्छ देकर आभार प्रकट व सभी कलाकारों को सम्मानित कर उत्साह वर्धन किया।