पटना: 24 सितंबर 2021:: कला एवं शिल्प महाविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना के 52 वीं वर्षगांठ के अवसर पर कॉलेज के शिक्षकों, शिक्षकेतर कर्मचारियों तथा विद्यार्थियों के आंतरिक सफाई के तहत योग एवं नेचुरल लाइफस्टाइल के ऊपर प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ प्राचार्य महोदय ने सबका स्वागत करते हुए किया। जब तक एनएसएसके सदस्य आंतरिक रूप से मजबूत नहीं रहेंगे तब तक वह देश के लिए विभिन्न कार्यों में अपना योगदान कर पाएंगे। इन्हीं राष्ट्र उपयोगी उद्देश्यों के लिए पूरे देश भर में एनएसएस का प्रसार किया गया है। यह उक्त बातें कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर अजय कुमार पांडे जी ने कही। एन. एस. एस. के कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. राखी कुमारी ने बतलाया इस मौके पर कहा कि देश की सेवा में युवाओं की भागीदारी जरूरी है इसी कार्य के लिए 24 सितंबर 1969 को 37 विश्वविद्यालयों में राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम की शुरुआत की गई थी।
युवा देश के लिए बेहतर तरीके से तभी काम करेंगे जब उनका शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक और आत्मिक विकास बेहतर तरीके से हो और इसकी प्राप्ति योग एवं प्राकृतिक जीवन शैली अर्थात लाइफ़स्टाइल के माध्यम से ही सरलता से प्राप्त किया जा सकता है। यह बातें योग गुरु गव्यसिद्ध डॉ. अश्वनी कुमार ने कही।
योगाभ्यास के रूप में महाविद्यालय के सभी शिक्षकों को शिक्षकेतर कर्मचारियों को तथा उपस्थित विद्यार्थियों को ऐसे अभ्यास कराए गए जिसमें कला को बेहतर तरीके से अभिव्यक्त करने में उनके हाथों, कंधे, गर्दन तथा आंखों विशेष ऊर्जा प्रदान करने वाले माइक्रो योगा का अभ्यास कराया गया। किसी भी कला में मस्तिष्क का पूरी तरह से सक्रिय होना सबसे महत्वपूर्ण बात है इसके लिए मस्तिष्क की कार्यक्षमता को बढ़ाने विशेष अभ्यास को कराया गया। इन अभ्यासों के निरंतर करते रहने से व्यक्ति की स्मरण शक्ति, बुद्धि शक्ति और मेधा शक्ति यह तीनों शक्तियां सक्रिय होकर उसके व्यक्तित्व को बेहतर बनाने में योगदान करती हैं। अंत में मन को एकाग्रता और शांत करने वाले प्राणायाम एवं योग निद्रा का अभ्यास कराया गया। इसमें चंद्र प्राणायाम, शीतली तथा शीतकारी प्राणायाम का अभ्यास कराया गया।
इस मौके पर प्रोफेसर संगीता कुमारी, प्रोफेसर मजहर इलाही तथा एन एस एस के सहयोगी इकाई के रूप में एचडीएफसी की तरफ से बिहार सर्किल के हेड संदीप गौतम उपस्थित थे।