काशीपुर: १२ सितम्बर, २०२१ : आईआईएम काशीपुर ने अपने वार्षिक मानव संसाधन सम्मेलन “समन्वय” के द्वितीय अध्याय का सफलतापूर्वक आयोजन किया। इस कार्यक्रम का आयोजन ऑनलाइन प्लेटफॉर्म जूम के माध्यम से किया गया और कोविड की स्थिति को ध्यान में रखते हुए इसे यूट्यूब पर लाइव स्ट्रीम किया गया था। यह आयोजन ‘रिक्रूटमेंट में डिजिटल व्यवधान’ विषय पर आधारित था। संसथान के ४०० से अधिक छात्रों ने सम्मेलन में हिस्सा लिया ।
सम्मेलन में भारत के विभिन्न प्रतिष्ठित कंपनियों के मानव संसाधन विभागों के प्रमुखों ने सहभागिता की जिनमे केसियो से हितेश खुराना, बी.सी.जी. से दिगवंता चक्रबोर्ती , हुंडई से डॉ. नटवर कड़ेल , वॉल्वो से श्री वेंकटेश नीलम एवं बैंक ऑफ़ इंडिया से प्रदीप्त साहू सम्मिलित हुए। समारोह का सञ्चालन आईआईएम काशीपुर के संगठनात्मक व्यव्हार एवं मानव संसाधन विभाग की क्षेत्र प्रमुख एवं सहायक प्राध्यापिका प्रो. मृदुल माहेश्वरी ने किया।
सभी विशिष्ठ वक्ताओं ने भारत एवं विश्व के बदलते चयन प्रक्रियाओं तथा उन पर डिजिटल क्रान्ति के प्रभावों पर अपने विचार प्रस्तुत करते हुए कहा की आधुनिक तकनीकों का प्रयोग उपभोक्ताओं के अनुभव को अधिक से अधिक बेहतर करने के प्रति किया जा रहा है और इसी के कारण मानवीय स्पर्श का महत्त्व और भी ज़्यादा बढ़ जाता है। प्रतिदिन बढ़ती प्रतियोगिता को देखते हुए ये निश्चित है की सभी उद्यम सर्वोच्च कोटि के उम्मीदवारों को अपनी ओर आकर्षित करना चाहतीं हैं।
प्रदीप्त साहू ने प्रश्न उठाया कि शिक्षण संस्थान अपने छात्रों को विभिन्न उद्योगों द्वारा अपेक्षित कौशल के अनुरूप क्यों नहीं ढाल पा रहे हैं | इसके अतिरिक्त उन्होंने अपनी चिंता व्यक्त की कि कहीं बढ़ते डिजिटलीकरण के दौर में हम मानवीय अंतर्बोध की अनदेखी तो नहीं कर रहे | डॉ. नटवर कड़ेल ने कहा कि तकनीक की दुनिया में अंततः केवल दो ही बिंदु प्रमुख हैं – व्यापर और उपभोगता, और उपभोगता ही उद्योगों के केंद्र बिंदु का सबसे महत्ववपूर्ण अंग हैं। वेंकटेश नीलम ने सभी छात्रों को सफलता की कुंजी का ज्ञान देते हुए सृजनशील विचारों को अपनाने का आग्रह किया | श्री दिगवंता चक्रबोर्ती जी ने छात्रों को विघ्न निवारण के कौशल को निखारने का मंत्र दिया और कहा की वर्त्तमान काल में प्रतिभागी विश्व के किसी भी कोने में इंटरनेट के माध्यम से अपनी पहुँच बना सकते हैं और इसी कारणवश प्रतिभा कोष का विस्तार हो रहा है। उन्होंने बताया की सभी उद्योग उच्चतम स्तर के कर्मचारियों को अपने संगठन में सम्मिलित करने के लिए पूर्ण प्रयास कर रहे हैं जिसके लिए उनमे भी परस्पर प्रतियोगिता का भाव संचारित हो रहा है।
वार्षिक कॉन्क्लेव ने छात्रों को मानव संसाधन प्रबंधन के तेज गति वाले डिजिटलीकरण के तहत उभरती भर्ती प्रक्रियाओं को समझने में मदद की। पैनल एक व्यापक पहलू पर भी सहमत हुआ कि किसी व्यक्ति के व्यवहार संबंधी लक्षण और मूल्य प्रस्ताव लंबे समय तक उद्योग में प्रासंगिक बने रहने में महत्वपूर्ण प्रभाव डालते हैं। इस बातचीत ने प्रतिभागियों को इस बात की समझ प्रदान की कि कैसे प्रक्रिया लगातार विकसित हो रही है।