- जितेन्द्र कुमार सिन्हा
पटना: 31 अगस्त 2021 :: चुनाव आयोग द्वारा निर्गत अधिसूचना के आलोक में बांका जिला में पंचायत चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है। यहाँ का चुनाव 10 चरणों में होना है।
निवर्तमान पंचायत प्रतिनिधि और संभावित उम्मीदवारों के बीच चुनाव में अपना अपना प्रतिनिधित्व जमाने का प्रयास शुरू हो गया है।
राज्य निर्वाचन आयोग ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में खडे़ होने वाले भावी उम्मीदवारों के लिए निर्वाचन क्षेत्र सीमा तय करते हुए इससे जुड़ी दिशा- निर्देश जारी कर दी है।
आयोग के दिशा-निर्देश के अनुसार सभी छह पदो के लिए सीमा निर्धारित किया गया है। दिशा-निर्देश के अनुसार मुखिया पद के उम्मीदवार अपने प्रखंड के किसी भी पंचायत से चुनाव लडने को स्वतंत्र होंगे। लेकिन इसके लिए मुखिया प्रत्याशी का नाम उस निर्वाचन क्षेत्र के मतदाता सूची में होना आवश्यक है। सरपंच व पंचायत समिति के लिए भी यही शर्त रहेगी। अगर मतदाता सूची में संबंधित प्रत्याशी का नाम नहीं रहता है तो वे अपना नामांकन पर्चा दाखिल नहीं कर सकेंगे।
चुनाव आयोग ने पंचायत चुनाव में किसी भी पद के प्रत्याशी के लिए संबंधित निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता सूची में उसका नाम दर्ज होना जरूरी है। मतदाता सूची में नाम दर्ज होने पर अभ्यर्थी ग्राम पंचायत सदस्य, ग्राम कचहरी के पंच अपने किसी भी वार्ड से प्रत्याशी बन सकते हैं। इन पदो के अलावा जिला परिषद सदस्य के प्रत्याशी अपने जिले के किसी भी निर्वाचान क्षेत्र से अपना नामांकन पर्चा दाखिल कर सकते हैं।
आयोग ने स्पष्ट किया है कि पंचायत समिति सदस्य, मुखिया व सरपंच बिना मतदाता सूची में नाम रहे उम्मीदवार बनते हैं और चुनाव जीत जाते हैं तो उनका निर्वाचन सर्वोच्च न्यायालय द्वारा एसएलपी सुरेंद्र कुमार बनाम बिहार सरकार एवं अन्य पारित आदेश के अनुसार ही मान्य होगा।
सूत्रों के ने बताया कि जिला पंचायती राज पदाधिकारी, बांका के अनुसार पंचायत चुनाव में राज्य निर्वाचन आयोग ने अभ्यर्थियों के चुनाव मैदान में उतरने की सीमा तय कर दी है। जिसके अनुसार मुखिया, जिला परिषद सदस्य व सरपंच अपने प्रखंड में किसी भी पंचायत से चुनाव लड़ सकते हैं।