रक्सौल। नगर परिषद, रक्सौल के कार्यपालक पदाधिकारी गौतम आनंद को नगर विकास एवं आवास विभाग के द्वारा 14 करोड़ के बूचड़खाना घोटाले में कर्तव्य के प्रति लापरवाही, राजस्व की छति में संलिप्तता, गलत मंशा और भारी अनियमितता के आरोप को सही पाते हुए निलंबित किया गया है। इस संबंध में गत 26 जून को पूर्वी चंपारण के जिलाधिकारी ने नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव को एक पत्र लिख कर यह बताया कि परिवादी चीनी राम, वार्ड-07 एवं अन्य 07 व्यक्तियों द्वारा नगर परिषद रक्सौल के लिए बूचड़खाना हेतु ख़रीदगी जमीन में बरती गई अनियमितता संबंधी समर्पित परिवाद पत्र की जाँच त्रिसदस्यीय जाँच समिति द्वारा कराई गयी है। जिसके बाद कार्यपालक पदाधिकारी से प्रतिवेदन के आलोक में स्पष्टीकरण की मांग की गई। वहीं उनसे पूछे गये स्पष्टीकरण के आधार पर एक निष्कर्ष प्रतिवेदन तैयार कर भेजा गया। इसमें पाया गया कि कार्यपालक पदाधिकारी श्री आनंद द्वारा भूमि सत्यापन किये बिना ही जमाबन्दी से अधिक रकवा तैयार किया गया है। तदनुसार अग्रिम भुगतान भी किया गया। वहीं इसके बाद जिलाधिकारी ने गौतम आनंद को निलंबित करने के साथ प्राथमिकी दर्ज करने की भी अनुसंशा किये थे। जिसके बाद अब जाकर उक्त कार्रवाई करते हुए उन्हें निलंबित कर दिया गया है। निलंबन के दौरान उनका मुख्यालय नगर निगम, पूर्णिया बनाया गया है। गौरतलब है कि आगे आने वाले कुछ दिनों में इसमें शामिल अन्य लोगों पर भी आरोप पत्र दाखिल कर कार्यवाही होनी सुनिश्चित है।