कोरोना काल में देश के युवाओं द्वारा किया गया कार्य, प्रेरित करने वाली हैं

Regional

•निष्ठा सोलंकी

उत्तर प्रदेश: 9 जुलाई 2021 :: कोरोना काल में जब एक तरफ देश की सरकार मरीज़ों को उचित व्यवस्था मुहैया करवा रहे थे वहीं दूसरी तरफ देश के नौजवानों ने मोर्चा सम्भाला। यूपी के ही तीन युवा जो टीम एसओएस इंडिया के सदस्य है, जिनके विषय में जितना भी कहा जाए वो कम ही होगा। छोटी आयु में जब बच्चे ख़ुद को समझने की संघर्ष में लगे होते है, ऐसी आयु में लखनऊ की 24 वर्षीय तेजस्विनी टनडन, कानपुर के 22 आभास ठाकुर एवं 15 वर्षीय प्रत्युस गांधी जीवन से संघर्ष कर रहे लोगों की निस्वार्थ सेवा करने को तत्पर हैं।

आपको बता दें की लखनऊ की तेजस्विनी पेशे से तो शिक्षिका हैं जिन्होंने एम.बी.ए भी किया हुआ है पर वे 16 वर्ष की आयु से ही लोगों की मदद करती आ रही हैं।
ग्राउंड लेवल पे सबसे अधिक लखनऊ के पीजीआइ के केस देखती हैं और जरूरतमंदों की सेवा के लिए हर समय वे आगे भी रहती हैं। तेजस्विनी का किसी ने मर्गदर्शन नहीं किया बल्कि समय ने ही उन्हें सब कुछ सिखाया है।
वे जब कभी किसी असहाय को लोगों द्वारा झूठी उम्मीदें देते हुए देखती थी तो उन्हें दुःख होता था और वो ये वजह है की अपने हर कार्य में लोगों को इतना ही कहती हैं की वे कोशिश करेंगी ताकि उनकी वजह से कोई झूठी उम्मीद न पाए।

कानपुर के आभास ठाकुर जोकि 12वीं पास हैं और सरकारी नौकरी की तैयारी में है, साथ ही साथ वे एक किताब की दुकान पर काम करते हैं। पिछले साल गम्भीर हालातों को देख उन्होंने सवैकचिक सेवा करने का निर्णय लिया, जिसके कार्य जज़्बे को वे आगे भी क़ायम रखना चाहेंगे।

कानपुर के ही प्रत्युष गाँधी 10वीं कक्षा के विद्यार्थी है जिन्होंने इस क्षेत्र में पिछले 3 महीने से। प्रत्युष ने जब अपने एक करीबी रिश्ते को इन हालातों में खोया तब से वे इस कार्य क्षेत्र में हैं।
यूपीएससी करने की सोच है प्रत्युष कि जो की आगे जाकर एक ऐसी संस्था का स्थापित करना चाहतें हैं जहाँ घूसख़ोरी और काला बाज़ारी ना हो।

सेवा और इंसानियत से बड़ा कोई धर्म नहीं जिसे हमारे देश के युवा अपने कार्य से साबित कर रहे है।
जहाँ हमने अपने ना जाने कितने ही क़रीबियों और चाहने वालों को खोया तो वहीं कुछ लोगों ने ऐसी परिस्थिति में भी स्वार्थ और अवसर ढूँढा पर ऐसे में भी इंसानियत मरी नहीं जिसे तेजस्विनी, आभास और प्रत्युष जैसे नौजवानों ने आगे आकर बताया और कई जिंदगियाँ भी बचाई।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *