पटना: 4 जुलाई 2021:: संगीत का यह कार्यक्रम संगीत शिक्षायतन के प्रांगण में रविवार प्रातः 9:00 बजे से आयोजित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य आकर्षण वंदना इतनी शक्ति हमें देना दाता और बड़े ठहराव के साथ ग़ज़ल की प्रस्तुति प्रस्तुतियां दी गई। संगीत शिक्षायतन के संगीत विभाग के शिक्षार्थियों ने मानसिक अशांति से ग्रसित होते जा रहे लोगो को इससे मुक्ति पाने के लिए घर में रहकर संगीत सुनने के लिए म्यूज़् : इन ट्यून यूफोरिक की नीव रखी है।
संस्था की चीफ़ ट्रस्टी व कथक नृत्यांगना यामिनी ने बताया कि, म्यूज़् : इन ट्यून यूफोरिक, शिक्षायतन की सांगीतिक ग्रुप है, जो 2015 से क्रियाशील है। यह ग्रुप शास्त्रीय संगीत के साथ साथ गायन की विभिन्न शैलियों की प्रस्तुति देता आ रहा है। इस ग्रुप ने कई रिकॉर्ड भी बनाए हैं जिसमें 55 कलाकारों की सूफी गाने के दल, कई प्रयोगात्मक प्रयास करते हुए गजल की प्रस्तुतियां दी हैं। यह सभी कलाकार शिक्षायतन की ही शिक्षार्थी होते हैं। वर्चुअल मोड में इस कार्यक्रम को करते हुए एक विशेष लक्ष्य निर्धारित किया है, एकाग्रचित होकर चिंतन करना , मनन या चिंतन करते हुए स्वयं से कुछ कहना , प्रेरक शक्ति के रूप में ग्रुप को परिभाषित करने का प्रयास है। जो आने वाले समय में लॉकडाउन में घर पर रहकर लोग ऊब रहे लोगो को इससे निजात दिला सकेगा।
यामिनी ने कहा कि संगीत हर किसी को आनंद की अनुभूति कराता है। इसके साथ ही शास्त्रीय संगीत कई रोग के निवारण में सहायक सिद्ध होते है। सात सुरों में बंधा संगीत मन को शांति प्रदान करता है। अभी लॉकडाउन में शहर में लोग छोटे से जगह में कैद होकर रह गए हैं। कई तरह की मानसिक अशांति से ग्रसित हो जा रहे हैं। इससे मुक्ति पाने के लिए घर में रहकर संगीत सुना जा सकता है। राग दरबारी कान्हड़ा तनाव दूर करने में सहायक है। राग भैरवी ब्लड प्रेशर और तंत्रिका तंत्र को नियंत्रित करता है। राग तोड़ी अस्थमा और सांस की परेशानी में मददगार साबित होता है । इसी प्रकार अहीर भैरव सिरदर्द और शिवरंजनी ऊर्जा का संचार करता है। सकारात्मकता को बढ़ाता है। जो जिस धर्म को मानते हैं उनके प्रति निष्ठा रखें इससे शक्ति का संचार होगा ।
संगीत का दिमाग के साथ गहरा संबंध है । यह व्यक्ति के रचनात्मकता या संज्ञानात्मक कार्य को बढ़ाता है। दिमाग के दो हिस्से या हेमिस्फेयर्स हैं नॉर्दन और संगीत दिमाग के कॉर्पस कॉलसम पर प्रभाव डालता है। कोलसम दरअसल नर्वस फाइवर है। संगीत डोपामिन और ऑक्सीटॉक्सिन हार्मोन को नियंत्रित करता है। ऑक्सीटॉक्सिन व्यक्ति के विश्वास और नैतिकता को प्रेरित करता है। संगीत व्यक्ति सोशल बिहेवियर को बढ़ाता है। यामिनी ने कहा कि जिस प्रकार से शिक्षायतन योग यात्रा कार्यक्रम में आम दर्शकों के सवालों को सुनकर उसका समाधान योग के माध्यम से करती अा रही है। वहीं संगीत विभाग द्वारा तैयार इस कार्यक्रम का पूरा पूरा लाभ संगीत के माध्यम से उठा पाएंगे। पसंद की संगीत सुनने और स्वयं को मानसिक तौर पर भी स्वस्थ रखने के लिए वर्तमान समय में यह उत्तम कदम साबित हो सकता है। और शिक्षायतन पटना अपने शिक्षार्थियों के लिए सदा से मंच संस्कार और आने वाले जीवन के लिए कलात्मक माहौल प्रदान करती रही है। इसमें यह एक और सीढ़ी चढ़ने का कार्य किया है।
आज के कार्यक्रम के कलाकार और गाने:
अनन्या सिंह – ऐ मोहब्बत..
अंबिका कुमारी – रस्में उल्फ्फत…
सुप्रिया सावन – होश वालों को…
मिलन गोस्वामी – तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो…
तबले पर अमित प्रकाश और हारमोनियम मिलन गोस्वामी जी ने सुंदर समा बांधा।
संस्था की अध्यक्षा रेखा शर्मा ने शुभकामना देते हुए कार्यक्रम की शुरुवात किया। साथ ही बताया कि इस कार्यक्रम का आयोजन प्रत्येक रविवार को होना निर्धारित है। जिसका प्रसारण शिक्षायतन पटना के फेसबुक पेज पर और म्यूज़् : इन ट्यून यूफोरिक इंस्टाग्राम पर प्रस्तुति होगी।