- जितेन्द्र कुमार सिन्हा
पटना, 16 जून 2021 :: ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस (जीकेसी) के सौजन्य से गो ग्रीन अभियान के तहत आयोजित पेटिंग कंपटीशन के विजेताओं की घोषणा कर दी गयी है।
जीकेसी के गो ग्रीन अभियान की शुरूआत जीकेसी की प्रबंध न्यासी और गो ग्रीन की राष्ट्रीय प्रभारी श्रीमती रागिनी रंजन के मार्गदर्शन में समाज में जागरूकता लाने के उद्देश्य से किया जा रहा है। इसी के तहत पेटिंग कंपटीशन का आयोजन वर्चुअल किया गया। डिजिटल और तकनीकी प्रकोष्ठ के ग्लोबल महासचिव सौरभ श्रीवास्तव ने बताया कि कंपटीशन में करीब 200 बच्चों की प्रविष्टि आई। विजेताओं का चयन जीकेसी की सात सदस्यीय ज्यूरी कमिटी ने किया, जिनमें श्रीमती रागिनी रंजन, दीपक कुमार वर्मा, मनोज श्रीवास्तव, निष्का रंजन, मुकेश सहाय, आनंद सिन्हा और प्रेम कुमार शामिल थे।
सौरभ श्रीवास्तव ने बताया कि 15 साल से अधिक उम्र वाले बच्चों की कैटगरी में प्रथम स्थान पर अभिषेक कुमार सिन्हा (जमशेदपुर), दूसरे नंबर पर अपूर्वा अदरिजा (रांची), तीसरे नंबर पर सुगंधा प्रकाश श्रीवास्तव (डुमरियागंज सिद्धार्थनगर) और चौथे नंबर पर प्राजक्ता श्रीवास्तव (देवरिया) थी। उन्होंने बताया कि इसी तरह 8- 15 वर्ष वाले कैटगरी में पहले नंबर पर पीहू पियूष (पणजी), दूसरे नंबर पर पॉलमी सिन्हा (जयपुर), तीसरे नंबर पर संयुक्त रूप से सक्षम श्रीवास्तव (चिरिमिरी) एवं प्रथम (पूर्णिया)और चौथे नंबर पर आन्या सक्सेना (बैंगलूरू) ने बाजी मारी। 4-8 साल वाले कैटगरी में पहले स्थान पर यशराज (समस्तीपुर), दूसरे नंबर पर अदविक वर्मा (पुणे), तीसरे स्थान पर अलिशा (समस्तीपुर) और चौथे नंबर पर अर्चित भटनागर (जयपुर) रहे। उन्होंने बताया कि सभी प्रतियोगियों को ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस की तरफ से एक ई सर्टिफिकेट प्रदान किया जाएगा। सभी पुरुष्कृत बच्चों को एक मेमोंटो, पर्यावरण से संबंधित किताब एवं ई सर्टिफिकेट दिया जाएगा।
श्रीमती रागिनी रंजन ने सभी बच्चों को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा, चित्रकला प्रतियोगिता के माध्यम से बच्चों ने अपनी पर्यावरण के लिए अपनी भावनाओं को बख़ूबी उकेरा ,नन्हे बच्चों की प्रतिभा ने हमें भी खूब प्रेरित किया। आज ज़रूरत है नई पीढ़ी को जगाने की, जो माध्यम होगा भविष्य के धरोहर को संजोने के लिए।
जीकेसी के ग्लोबल अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने सभी बच्चों को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कहा कि चित्रकला प्रतियोगिता में अपने चित्र के माध्यम से बच्चों ने जो स्लोगन दिए हैं वह इस मुहिम को काफी बल देगा।नन्हे-मुन्ने बच्चे देश की धरोहर हैं और छोटी उम्र में ही पर्यावरण संरक्षण का जज़्बा ही हमें इस संकट से निकालेगा। बच्चों की सहभागिता को देखकर यह विश्वास हो गया है कि देश की धरोहर और हरीतिमा का संरक्षण सही हाथों में है।
इस अवसर पर डिजिटल एवं टेक्नोलॉजी के ग्लोबल अध्यक्ष आनंद सिन्हा जी जिन्होंने इस पूरे कार्यक्रम की रूपरेखा तय की थी सभी बच्चों को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि ये चित्र प्रतियोगिता पूरी तरह से डिजिटल माध्यम का उपयोग करके आयोजित की गई थी। बच्चों की प्रविष्ठियां, जूरी पैनल द्वारा चुनाव एवं पुरस्कृत बच्चों की उद्घोषणा सभी कुछ डिजिटल माध्यम से किया गया। ई वेस्ट जो कि गो ग्रीन इनिशिएटिव का एक महत्वपूर्ण बिंदु है के बारे में बात करते हुए उन्होंने बताया कि जीकेसी बहुत जल्दी रागिनी रंजन जी के मार्गदर्शन में एक ई वेस्ट पुनर्चक्रण इनिशिएटिव शुरू करने वाला है। हमारा प्रयास होगा कि तकनीकी के कारण उत्पन्न ई-वेस्ट के पुनर्चक्रण में प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल हो। ई-वेस्ट का पुनर्चक्रण भी ये सुनिश्चित करेगा कि हमारी धरती दुबारा हरी भरी एवं स्वच्छ हो जाये।
गो ग्रीन की राष्ट्रीय सह प्रभारी श्वेता सुमन ने बच्चों की प्रतिभा की सराहना तथा सभी बच्चों को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि नई पीढ़ी को जागरूक करके ही हम वर्तमान को संभालते हुए भविष्य को संरक्षित कर सकते हैं, जिसमे पर्यावरण सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। इसके लिए उन्होंने ‘ग्रीन क्लब’ की शुरआत की, जिसके कार्यकलाप में सबों की भागीदारी होगी।पर्यावरण जागरूकता के लिए यह क्लब विद्यालयों और अन्य संगठनों के माध्यम से गो ग्रीन की मुहिम से जोड़ेगा। आनेवाले समय में एक अत्यंत महत्वपूर्ण योगदान होगा,जो भी इस कार्य को आगे ले जाएंगे उन्हें ग्रीन एम्बेसडर के खिताब से नवाजा जाएगा।
इस संदर्भ में गो ग्रीन की राष्ट्रीय सह प्रभारी और जीकेसी बिहार की अध्यक्ष डा.नम्रता आनंद ने सभी बच्चों को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा की पौधरोपण के लिए सक्रिय कदम उठाते हुए कई स्थानों पर बच्चों के माध्यम से पौधारोपण किया गया और उन्हें पर्यावरण के प्रति जागरूक भी किया। डा. नम्रता आनंद ने कहा कि गो ग्रीन अभियान का मक़सद पौधरोपण कर धरती को हरा भरा बनाना तो है ही , साथ ही स्थानीय लोगों को हरियाली और पर्यावरण को लेकर जागरुक करना भी है। इसी मक़सद के तहत हम जहां भी पौधे लगाते हैं, वहाँ स्थानीय लोगों को इस अभियान से जोड़ने का प्रयास करते हैं।