योग से स्वत: हम मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक रूप से मजबूत होते हैं

Yoga & Spirituality

  • हिन्द चक्र

पटना, दिनांक: 24 मई 2021:: कार्यक्रम चेतना योग यात्रा -17 के दौरान रविवार 23 मई 2021 को चेतना योग यात्रा कार्यक्रम, शिक्षायतन के द्वारा चलाया जाने वाला योग ध्यान स्वस्थ पर आधारित है। जिसकी आज 17वीं कड़ी वर्चुअल रूप में प्रसारित की गई।
कार्यक्रम की शुरुआत मुंगेर योग संस्थान से शिक्षा प्राप्त तथा ध्यान, योग, मंत्र साधना कुटीर के संस्थपक योगाचार्य रितेश मिश्रा जी द्वारा योग आसनों से निर्मित सूर्य नमस्कार से प्रारम्भ हुई।
कोवीड महामारी में योग की महत्ता को ध्यान में रखकर। 9 से 19 वर्ष के कई राज्यो के स्कूली किशोरावस्था के शिक्षार्थी और उनके माता पिता विशेष रूप से शामिल होकर योग के अष्टांग विधि, आसन और प्राणायाम को जाना।

कार्यक्रम के व्याख्यान अंग में यामिनी (कथक नृत्यांगना व सहायक प्राध्यापक, पी डब्लू सी) ने योग की अध्यात्म जानकारी देकर प्रशिक्षु दर्शकों में एकाग्रता और लगन निष्ठा को बढ़ाने के लिए दिन चर्या को यौगिक करने की बात कही। श्री कृष्ण ने युद्ध के मैदान में गीता का प्रवचन दिया था। इसके पीछे छिपे रहस्य को बताते हुए, कहानी के माध्यम से बड़े ही सरल तरीके से समाज के नवांकुरो को संदेश दिया। सपने देखना और उन्हें साकार करने का सही समय किशोरावस्था के दौरान होती है। ये वही समय है जब आंतरिक, बाह्य रूप में सबसे ज्यादा परिवर्तन होते है, और वृद्धि होती है। जीवन में संतुलन बनाए रखना अतिआवश्यक है। वृद्धि और परिवर्तन सही दिशा में हो ये आवश्यक है। और इस कॉरॉना काल के विकट स्थिति में इनका खास ख्याल रखना आवश्यक है। योग से स्वत: हमारे मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक रूप से मजबूत होते है और अपने चारो ओर के ऑरा को दिव्य बनाकर रख पाते है। यही सकारात्मक होने का भाव है।
शिक्षा को प्रभावशाली बनाने के लिए आसन संबंधी ज्ञान, शिक्षा के लिए अष्टांगयोग विधा का ज्ञान। अत्यावश्यक है।

आज के वर्चुअल कार्यक्रम में विशेषज्ञ के रूप में योगाचार्य रितेश मिश्रा अपने सहयोगी शिष्यों के साथ तमाम उपस्थित दर्शकों कि सवालों का जवाब देते हुए योग की बारीकियों को बताया।
अपने उन्बोधन में उन्होंने कहा – हर उम्र में ऊर्जा संचरण व संचयन होता रहता है, लेकिन 10 से 19 वर्ष की आयु में संचारित ऊर्जा प्रगाढ़ होती है। यही उचित समय है कि बाल्यावस्था में सीखे गुणों, मूल्यों को सही दिशा दी जाए। जिससे बालक – बालिकाएं आने वाले समय में सजग, सभ्य उन्नत हो सकेंगे। योग वह माध्यम है, जिससे किशोरावस्था में उनकी ऊर्जा कायम रख कार्यक्षमता, कर्मठता, एकाग्रता, सजगता, विनम्रता, धैर्यता, की पराकाष्ठा पा सकते है।

इस कॉरॉना काल के विकट स्थिति में इनका खास ख्याल रखना आवश्यक है। वृद्धि और परिवर्तन सही दिशा में कैसे हो? आंखो की सामान्य परेशानियों को योग से कैसे दूर करें? सभी के शारीरिक वजन lockdown में बढ़ना आम बात है, इसे नियंत्रित करने के लिए आसनों की चक्र प्रक्रिया बताया, एकाग्रता के लिए – भर्मारी आसान, जल नीति प्रकिया की विधि व अंतराल की जानकारी दी।फेफड़े को बजबूत करने के लिए श्वास प्रक्रिया पर नियंत्रण के अभ्यास को बताया। ऐसे खास उनको अनगिनत सवालों के जवाब जाना।
योगाभ्यास:- शांति पाठ में आकांक्षा, रतन प्रिया, श्रेया परी, रिशु और हरि ओम ने विशेष साथ दिया।

  1. पादांगुली नमन 2. गुल्फ नमन 3.गुल्फ चक्र
  2. गुल्फ घूर्णन 5. तितिली आसन 6 मणिबन्ध चक्र
  3. केहुनी नमन, 8. स्कंध चक्र 9. ग्रिवा संचालन
  4. झूलना लुढ़कना आसन 11.नौकासन
  5. ताड़ासन, तिर्यक ताड़ासन, कटिचक्रासन,
    13.सूर्य नमस्कार (संस्कृत के बारहों आसान)
    प्राणायाम : नाड़ी शोधन प्राणायाम, भ्रामरी प्राणायाम
    शवासन और अंत में योगाचार्य:-रितेश मिश्र जी के प्रेरणा पूर्ण महामंत्र
    1.”योग युक्त-रोग मुक्त”,
    2.”जीवन में जोड़िए नए आयाम प्रतिदिन किजिए ध्यान योग प्राणायाम” को मानकर योग को अपने दिनचर्या में शामिल किजिए। हरि ॐ तत्सत, हरि ॐ तत्सत, हरि ॐ तत्सत !! पुनः शांति पाठ से समापन किया।

वर्चुअल प्रसारण शिक्षायतन पटना, महर्षि दयानंद वोकेशनल कोर्स इंडिया, आयुष मंत्रालय तथा चेतना योग यात्रा के Facebook page से एक साथ किया गया। जिसमे लगभग पचास हजार से ऊपर दर्शक जुड़े हुए थे।
संस्था की अध्यक्षा श्रीमती रेखा शर्मा ने शुभकामना देते हुए कार्यक्रम के “मिशन और उद्देश्यों” को बताया कि शिक्षायतन द्वारा आयोजित चेतना योग यात्रा अबतक जिला और अन्य राज्यो में घूम घूम कर स्कूल, आश्रम, कॉलेज, ऑडिटोरियम, अस्पतालों में योग की शिक्षा और जागरूकता का कार्य करती रही है। परन्तु कोविड महामारी के कारण प्रत्येक रविवार सुबह 9:00 बजे से भारत के कई जाने-माने योग्य योग साधक, योग शोधकर्ता, समाजसेवी, चिकित्सक समाज से जुड़े लोगों से संपर्क स्थापित करने का यह कार्यक्रम शुरू किया गया है। इसमें हम अपनी योग के प्रति जिज्ञासा को शांत व परेशानियां को समाधान कर सकेंगे। चेतना योग यात्रा कार्यक्रम शिक्षायतन के द्वारा चलाया जाने वाला योग ध्यान स्वस्थ पर आधारित है। जिसकी आज 17वीं कड़ी वर्चुअल रूप में प्रसारित की जा रही है । इसी के अगले क्रम में ब्लड शुगर, ब्लड प्रेशर, वृद्घ और खास कर , जैसा कि covid की तीसरी लहर बच्चो के लिए घातक है, उसपर विचार करते हुए योग के कार्यक्रम को अनवरत जारी रखा जाएगा।

हुए इस कार्यक्रम का आयोजन प्रत्येक रविवार को होना निर्धारित है। जिसका प्रसारण शिक्षायतन पटना के फेसबुक पेज पर प्रस्तुति होती है।

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