दरभंगा, गलमाधाम: 22 मई 2021:: हिंदू धर्म में एकादशी का व्रत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। प्रत्येक वर्ष चौबीस एकादशियाँ होती हैं। जब अधिकमास या मलमास आता है तब इनकी संख्या बढ़कर 26 हो जाती है। विजया एकादशी अपने नामानुसार विजय प्रदान करने वाली है। भयंकर शत्रुओं से जब आप घिरे हों (करोना महामारी से घिरे है और मृत्यु सभी के सामने खड़ी है) और पराजय सामने खड़ी हो उस विकट स्थिति में विजया नामक एकादशी आपको विजय दिलाने की क्षमता रखता है।
प्राचीन काल में कई राजा महाराजा इस व्रत के प्रभाव से अपनी निश्चित हार को जीत में बदल चुके हैं। इस महाव्रत के विषय में पद्म पुराण और स्कन्द पुराण में अति सुन्दर वर्णन मिलता है।
ऐसे शुभ तिथि के उपलक्ष्य में सिद्ध विद्यापीठ गलमाधाम में पंडित श्री जीवेश्वर मिश्र एवं प्रेमीगण महामारी नाशिनी पीताम्बरा माँ श्री बंग्लामुखी का हवन, एवं श्री बटुकभैरव आपद्दुधारक मंत्र से हवन एवं महामृत्युंजय मंत्र से हवन कर रहे हैं, ये हवन अमावस्या से लेकर वैशाख पूर्णिमा तक करोना महामारी के संकट को समाप्त करने के लिए तथा लोगों के कल्याण हेतु (11 मई से लेकर 26 मई तक) ये हवन निरंतर चल रहा है।