- जितेन्द्र कुमार सिन्हा
पटना, दिनांक 18 मई 2021:: कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए सभी लोगों को मास्क पहना, सामाजिक दूरी बनाकर रहना और हाथों को बार बार धोना या सेनेटाइजर का इस्तेमाल करना जरुरी है। सूत्रों के अनुसार अब वैज्ञानिकों का कहना है कि कोरोना संक्रमण से बचाव के तरीकों में एक और उपाय घर में वेंटिलेशन की सही व्यवस्था को भी शामिल कर लेना चाहिए। कयोंकि अब कोरोना संक्रमण हवा के जरिये भी फैल रहा है। ‘लांसेट’ पत्रिका में हाल ही में प्रकाशित एक अध्ययन में बताया गया है कि वायरस का ज्यादातर प्रसार हवा के जरिये (एरोसोल ट्रांसमिशन) से हो रहा है। पहले यह माना गया था कि कोरोना वायरस मुंह से निकलने वाली नम बूंदों (ड्रॉपलेट ट्रांसमिशन) के माध्यम से एक से दूसरे इंसान में फैलता है।
एरोसोल संक्रमण ड्रॉपलेट ट्रांसमिशन से काफी भिन्न है। ड्रॉपलेट 5 माइक्रोन से बड़े कण होते हैं, जो वातावरण में बहुत दूर तक नहीं जा सकते, जबकि एरोसोल हवा के जरिये दो मीटर की दूरी तय कर सकता हैं। इससे ज्यादा और बड़ी तादाद में संक्रमण फैलने का खतरा हो रहा है।
दिल्ली एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया का कहा है कि एक नये अध्ययन में बताया गया है कि हवादार कमरों में लोगों को रहने की सलाह दी गई है, क्योंकि कोरोना संक्रमण बाहर के मुकाबले घर में अधिक फैलने की आशंका होती है। इसलिए घर की सभी खिड़कियाँ-दरवाजे खुले रखने चाहिए, ताकि हवा आर-पार हो सके।
विशेषज्ञों का सलाह हैं कि बंद जगहों पर एरोसोल के जरिये कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा ज्यादा होता है, इसलिए बंद जगहों पर ज्यादा लोग एकसाथ एकत्रित न हों। ऐसे भी कमरे में रहने वाला व्यक्ति अगर खांसता या छींकता है तो, वहां मौजूद दूसरे लोगों में भी वायरस फैल सकता है। दिल्ली एम्स के निदेशक का भी कहना है कि ऐसा नहीं है कि अगर कोई व्यक्ति किसी संक्रमित इंसान से 10 मीटर की दूरी पर बैठा हो तो वह वायरस की जद में नहीं आएगा। एरोसोल लंबी दूरी पर बैठे शख्स को भी संक्रमित कर सकता हैं।
घर में कोई पृथक वास (Home isolation) में रह रहे हैं तो उनका कमरा हवादार होना बहुत जरूरी है। साथ हीं, जिस बाथरूम का इस्तेमाल पृथक वास (Home isolation) कर रहे हैं, उसमें किसी दूसरे को नही जाना चाहिए, कयोंकि मल में मौजूद संक्रमण बाथरूम की हवा में शीघ्र घुल जाता है और इससे दूसरे लोगों के संक्रमित होने की पूरी सम्भावना होती है। सार्वजनिक शौचालय इस्तेमाल करते समय मास्क निश्चित रूप से लगाना चाहिए।
AC चलाते वक्त कमरा पूरी तरह से बंद कर दिया जाता है, जिससे वहां एरोसोल जमा होने की आशंका सबसे ज्यादा रहती है। इसलिए गर्मी से बचने के लिए इसका कम से कम इस्तेमाल करना चाहिए।