- जितेन्द्र कुमार सिन्हा
पटना, 17 अप्रैल, 2021 :: बिहार के राज्यपाल फागू चौहान की अध्यक्षता में 17 अप्रैल (शनिवार) को बिहार में तेजी से फैल रहे कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए सर्वदलीय बैठक आहूत थी। उक्त बैठक में नेता प्रतिपक्ष ने कोरोना से बिगड़ी स्थिति को देखते हुए वीकेंड कर्फ्यू लगाने का सुझाव दिया।
सूत्रों ने बताया कि सर्वदलीय बैठक के बाद नेता प्रतिपक्ष ने बताया कि उन्होंने जनहित में लगभग 12 करोड़ प्रदेशवासियों की स्वस्थता, सुरक्षा और संपन्नता के लिए सरकार के समक्ष राज्य में कोरोना को कंट्रोल करने के लिए फिलहाल वीकेंड कर्फ्यू लगाने के अनुरोध के साथ निम्नलिखित सुझाव रखे हैं :-
एक स्पेशल टास्क फ़ोर्स का गठन किया जाए जिसमें Epidemiologist, Public Health Experts और तमाम राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि शामिल हों।
ऑक्सीजन और ज़रूरी दवाओं की निर्बाध सप्लाई चेन सुनिश्चित की जाए और उसकी कालाबाजारी रोकने के लिए कठोर कारवाई की जाए।
मोबाइल टीकाकरण की व्यवस्था की जाए ताकि लोगों के घरों या मोहल्लों में जाकर बग़ैर कोरोना संक्रमण के रिस्क के टीका लगाया जा सके।
अस्पतालों में टीकाकरण और जाँच की व्यवस्था अलग-अलग परिसरों में करायी जाए ताकि कोरोना संक्रमण फैलाव का रिस्क न्यूनतम हो सके।
कोरोना जाँच की व्यवस्था को सुगम और सुलभ बनाया जाए। ताकि जाँच रिपोर्ट जल्द मिल सके। आज भी लोग जाँच रिपोर्ट के इंतज़ार में गंभीर रुप से संक्रमित हो जाते है और मर भी जाते है।
स्वास्थ्य विभाग कोरोना आँकड़े जारी करने पारदर्शिता बरते।
पूरे राज्य के लिए एक इंटेग्रेटेड डाटाबेस सिस्टम बनाया जाए जिसपर निजी या सरकारी डॉक्टर या जाँच केंद्रों में जाँच करने वालों कि जिम्मेदारी होनी चाहिए कि ताकि कोरोना जाँच, संक्रमित पाए जाने पर व्यक्ति की सारी जानकारी, किस चिकित्सक की देखरेख में वह व्यक्ति है, उसके स्वास्थ्य सम्बन्धी विभिन्न पैरामीटर इत्यादि की जानकारी तुरंत अपलोड कर सके। ऐसी जानकारी के आधार पर नजदीकी कोविड समर्पित अस्पताल या तो तुरंत बेड सुनिश्चित करायेगा या होम क्वारंटाइन की स्थिति में स्थानीय मुखिया, वार्ड मेम्बर, नगर निगम या पंचायत को सम्बंधित परिवार की हर तौर पर isolate होने के लिए सहयोग करने की गाइडलाइन जारी करेगा।
कोविड वार्ड में मरीज़ों के Attendant के प्रवेश को वर्जित कर अस्पताल में एक अलग जगह CCTV फ़ुटेज से उनको देखने की व्यवस्था करायी जाय, या यदि किसी के पास स्मार्ट फ़ोन हो तो CCTV फ़ुटेज का access उनके फ़ोन में दिया जाए अथवा मरीज़-परिजन से बातचीत का विशेष प्रबंध किया जाए।
होम क्वॉरंटीन मरीज़ों की निगरानी हेतु GPS tracker तकनीक का इस्तेमाल करते हुए उसके मॉनिटरिंग के लिए एक विशेष सेल बनाया जाए। होम क्वारंटाइन के लिए एक विस्तृत प्रोटोकॉल बनाई जाय, जिसके माध्यम से पीड़ित परिवार के लिए घर पर ही दवा, PPE किट, ऑक्सीमीटर, थर्मोमीटर की व्यवस्था की जा सके।
Covid Dedicated अस्पतालों का निर्माण प्रमंडल स्तर पर कराया जाय।
दूसरे राज्यों से आए सभी यात्रियों की जाँच को अनिवार्य किया जाए। Antigen नहीं बल्कि उनकी RT-PCR जाँच होनी चाहिए। बाहर के राज्य से आनेवाला कोई भी व्यक्ति बिना नेगेटिव रिपोर्ट पाए अपने घर नहीं जा पाए, इसके लिए हर बस स्टेशन, रेलवे स्टेशन, राज्य की सीमाओं व एयरपोर्ट पर समुचित व्यवस्था की जाय।
कोरोना काल में सबसे अधिक प्रभावित सभी ग़रीब परिवार और मज़दूर भाइयों को अगले 100 दिनों तक 100₹ प्रतिदिन के हिसाब से न्यूनतम 10 हज़ार की एकमुश्त सहायता राशि स्थानांतरित की जाए।
राज्य के सभी राशन कार्ड धारकों को 6 महीने तक मुफ़्त राशन दिया जाए। हर प्रखंड में 4-5 Community किचन शुरू किये जाएं।
राज्य के बाहर से आनेवाले श्रमवीरों को बस, रेल आदि में निःशुल्क व्यवस्था किये जाएं और बसों, ट्रेनों मे उनके लिए खाना तथा पानी की पूरी व्यवस्था किये जाएं बाहर से आए सभी श्रमिक भाइयों को चिह्नित कर उनका सही Database तैयार कर, अनिवार्य रूप से उन्हें 3000₹ महीना भत्ता दिया जाए।
राज्य में विभिन्न विभागों के अंतर्गत निर्मांणाधीन बड़े प्रॉजेक्ट्स को Identify कर उनमें बाहर से लौटे सभी कुशल कामगारों और श्रमिकों को Engage किया जाए।
वैसे विभाग जिनमें कोरोना के कारण अभी अति आवश्यक काम नहीं हो रहें है। उन विभागों के योग्य IAS/IPS अधिकारियों का Resource pool बना कर उन्हें Dedicatedly कोरोना मैनजमेंट में लगाया जाए।
Testing Management के लिए अलग से Dedicated IAS अधिकारी , Oxygen management के लिए अलग अधिकारी , Vaccination के लिए अलग, Isolation और follow up management के लिए अलग, सरकारी और निजी अस्पतालों में बिस्तरों की व्यवस्था के लिए अलग से, कोरोना पीड़ितों के घर दवा किट भेजने की व्यवस्था के लिए अलग से , क़ोरोना बजट में किसी प्रकार की धांधली ना हो इसलिए लिए विशेष समर्पित भ्रष्टाचार निरोधक सेल, सामान्य कोरोना संबंधित अन्य शंकाओं के निवारण के लिए एक अलग से Dedicated Call Center की स्थापना के साथ Dedicated अधिकारियों की नियुक्ति की जाए।
पटना में मेदांता, जय प्रभा एवं अन्य निजी अस्पतालों का सामयिक/अस्थायी अधिग्रहण कर उसे कोविड अस्पताल बनाया जाए।
प्रत्येक ज़िले में निजी अस्पतालों में कोविड beds की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
प्रदेश के सभी प्रकार के अस्पतालों में बेड की कुल संख्या, उपलब्धता और बुकिंग की ऑनलाइन व्यवस्था का डेटाबेस तैयार किया जाए।
प्रदेश के सभी अस्पतालों में बेड की उपलब्धता के Online आँकड़े प्रदर्शित किए जाए। कुल कितने बेड खाली हैं और कहाँ कहाँ खाली हैं, यह जानकारी भी इसी डाटाबेस के माध्यम से 24 घण्टे हर नागरिक के लिए उपलब्ध होगी ताकि किसी तरह के VIP कल्चर, धांधली या घूसखोरी का इल्जाम ना लगे और किसी के साथ अन्याय ना हो और सारी व्यवस्था पारदर्शी हो।
कोविड अस्पतालों और क्वॉरंटीन सेंटर के Biomedical Waste यथा पीपीई किट,फ़ेस मास्क,ग्लवस इत्यादि हैं उसके dumping की उचित व्यवस्था हो।
वीकेंड कर्फ़्यू लगाया जाए।
बिहार मे अवस्थित सभी रेलवे, सेना, अर्द्धसैनिक बलों सहित भारत सरकार के उपक्रमों के अस्पतालों को फ्रंटलाइन वर्करों के लिए खोल दिये जाएँ। इस संबंध में भारत सरकार से व्यापक आदेश जारी करने हेतु अनुरोध किया जाय।
फ्रंटलाइन वर्कर्स जिसमें अधिकारी, कर्मी, चिकित्सक, नर्स, पारामेडिकल स्टाफ, पुलिसकर्मी तथा संविदा कर्मी आदि को तीन महीनों का Advance वेतन दिया जाए एवं सेवापरांत मृत्यु होने पर कम से कम 50 लाख की आर्थिक सहायता तथा उनके परिवार को एक सदस्य को तुरंत सरकारी नौकरी दिया जाए।
ज़रूरत पड़ने पर राजद पार्टी कार्यालय, नेता प्रतिपक्ष के सरकारी आवासीय परिसर का भी सरकार उपयोग कर सकती है।
- जिस प्रकार चुनाव के वक्त लोग कैम्पेन मोड में रहते हैं उसी प्रकार Testing और Treatment को भी कैम्पेन मोड में चलाया जाए।
सूत्रों ने बताया कि बिहार के मुख्यमंत्री सर्वदलीय बैठक के बाद बताया है कि 18 अप्रैल (रविवार) को सरकार इस सम्बंध में विचाररोपरांत निर्णय लगी।