- अवधेश झा
आपके मन में उठ रहे,
सुंदर सृजनात्मक विचारों
में से एक विचार हूं मैं ।
सद हृदय, उत्तम व्यवहार,
जिससे मार्ग दर्शित होता है,
उनमें से एक अचार हूं मैं ।।
पंख दर पंख, पंखुड़ियों
की अमिट लालिमा सी,
जीवन सौंदर्य का दर्शन हूं मैं।
जीवन सुख या दुःख भाव में हो,
कभी कम ना हो जिस प्रेम
की प्रभाह वह सुदर्शन हूं मैं।।