पुष्प का मन Uncategorized February 7, 2021February 7, 2021EditorLeave a Comment on पुष्प का मन अवधेश झा पुष्प सुगंधित मन में,प्रिय खुसबू है आधार ।हृदय तरंगनी नव बसंत की,अभिलाषा तुम उसपार ।। दर्शन- सृजन प्रकृति की,नव नव आनंद का शृंगार ।तुम में भी वही हृदय छुपा,जिससे होता भाव विस्तार ।।