पटना, दिनांक 29 जनवरी 2021, लोककला, पारम्परिक कला, लोक शिल्प एवं लोक संस्कृति के संवर्धन, विपणन, संरक्षण को लेकर ‘कला एवं संस्कृति प्रकोष्ठ (भाजपा), बिहार ‘एवं’ मिथिला इंस्टिट्यूट ऑफ ट्रेडिशनल हेरिटेज एंड इंडिजेन सलिटरेचर इन आर्ट्स’ प्रतिबद्ध है ।
राज्य में कुल मिलाकर शिल्पकारों के संख्या लगभग 4 लाख से भी ऊपर है । जिनमे सबसे अधिक संख्या में मृण्मूर्ति शिल्प एवं मिथिला लोक चित्र से जुड़े पारम्परिक शिल्पकार हैं । बिहार में मौजूदा 18 से 20 प्रकार के लोक एवं पारम्परिक शिल्प से जुड़े लगभग 400 से भी ज्यादा क्राफ्ट क्लस्टर्स है जिनके विपणन एवं प्रोत्साहन को ध्यान में रखकर राज्य के देसज शिल्पकारों का सम्मान अपेक्षित है ! इन्ही उद्देश्य को ध्यान में रखकर दोनों संस्थान ‘कला एवं संस्कृति प्रकोष्ठ (भाजपा), बिहार ‘एवं’ मिथिला इंस्टिट्यूट ऑफ ट्रेडिशनल हेरिटेज एंड इंडिजेनस लिटरेचर इन आर्ट्स ‘संयुक्त तत्वाधान में वर्ष 2021 से प्रत्येक वर्ष राज्य स्तरीय प्रतियोगिता का आयोजन करेंगी जिनमें चयनित सभी प्रतिभागीयों को ‘बिहार दिवस’ के अवसर यानी प्रत्येक वर्ष 25 मार्च को‘ दक्षदेशज राज्य शिल्प सम्मान’ से सम्मानित किया जाएगा । यह प्रतियोगिता पूर्णरूप से निःशुल्क रखी जायेगी एवं जिसका एकमात्र उद्देश्य लोक कलाकारों को उनके अप्रतिम योगदान के लिए प्रोत्साहित एवं पुरस्कृत कर कला के विपणन एवं उत्थान को लेकर बेहतर मंच तैयार करना है। प्रतियोगिता के साथ ही चयनित एवं चुनिंदा कृतियों को लेकर राज्य स्तरीय ‘दक्षदेशज लोक शिल्प प्रदर्शनी ‘रखे जाने की भी योजना है। प्रतियोगिता एवं प्रदर्शनी में भागीदार सभी प्रतिभागीयों को प्रमाण पत्र दिया जाएगा! इस पावन अवसर पर राज्य ही नहीं अपितु देशभर से कुल 5 (पांच) ऐसे विशिष्ठ व्यक्तियों एवं संस्थानों को भी सम्मानित किया जाएगा जो लोककला एवं संस्कृति के संवर्धन, विपणन, संरक्षण को लेकर सपर्पित हो अपनी अप्रतिम उपलब्धियों के लिए जाने जाते हैं । प्रतियोगिता के लिए लोक शिल्प की श्रेणी एवं सम्मान की संख्या कुछ इस प्रकार है: मृण्मूर्तिशिल्प (04) सिक्की लोकशिल्प (02) सुजिनिशिल्प (01) पेपर मैसेशिल्प (01) गुड़िया लोकशिल्प (01) मिथिला चित्रकला (04) मंजूषा चित्रकला (01) टिकुली चित्रकला (01) पाषाण शिल्प (01) एवं अन्यान्य शिल्प (02) ।
पंजीकरण के लिए इच्छुक प्रतिभागी अपना नाम, उम्र, पता, मोबाइल नंबर, अनुभव, शिल्प की श्रेणी, एक प्रोफाइल फोटो एवं अपनी दो कृतियों की छायाचित्र के साथ दिनांक 5 फरवरी 2021 तक अपनी प्रविष्टि 8797287900 पर व्हाट्सएप्प कर सुनिश्चित करवा सकते हैं। प्रतियोगिता के लिए सभी प्रतिभागियों को बिहार का मूल निवासी होना अनिवार्य है ।
दिनांक 28. 01. 2021 को प्रकोष्ठ पदाधिकारियों की बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि आयोजन को बेहतर सफल बनाने को लेकर कला एवं संस्कृति के उत्थान से जुड़े राज्य के समस्त संस्थान, गणमान्य, एवं कलाप्रेमियों को आगे आने एवं उनका योगदान सुनिश्चित करने को आमंत्रित किया जाएगा। बैठक में प्रदेश संयोजक (कला एवं संस्कृति प्रकोष्ठ, भाजपा) बरुन कुमार सिंह, प्रदेश संयोजक (लोकशिल्प एवं मूर्तिकला विभाग) शरदकुमार, प्रदेश संयोजक (शास्त्रीयनृत्य) यामिनी शर्मा, प्रदेश संयोजक (पटनामहानगर) सतीश कुमार दास, ममता भारती, आनंद पाठक, वरुण सिंह, डॉ. विश्वनाथ प्रताप सिंह, डॉ. पल्लवी विश्वास, सचिन मधोगढ़िया, राजीव सिन्हा मुकेश सहाय, अमूल चन्द्र पोद्दार एवं अन्य कई कार्यकारी सदस्य मौजूद थे ।