- अवधेश झा
योग और बौद्ध धर्म दोनों में ही इस बात पर बल दिया है कि मानसिक प्रशिक्षण के लिए शारीरिक एवं स्वास्थ्य संबंधी अवस्थाओं का अनुकूल होना आवश्यक है।
योग के अष्टांग योग की भांति, बौद्ध साधना में भी निर्वाण के लिए अष्टांग मार्ग का वर्णन है, जिसमें यम और नियम का भी समावेश है।
विपश्यना: आत्मनिरीक्षण द्वारा आत्मशुद्धि की अत्यंत पुरातन साधना-विधि है। जो जैसा है, उसे ठीक वैसा ही देखना-समझना विपश्यना है। लगभग २५०० वर्ष पूर्व भगवान गौतम बुद्ध ने विलुप्त हुई इस पद्धति का पुन: अनुसंधान कर इसे जीवन जीने की कला के रूप में सर्वसुलभ बनाया।
विपश्यना आत्म-अवलोकन के माध्यम से आत्म-परिवर्तन का एक तरीका है। यह मन और शरीर के बीच गहरे अंतरसंबंध पर ध्यान केंद्रित करता है, जिसे शरीर के चेतना का निर्माण करने वाली भौतिक संवेदनाओं पर सीधे ध्यान देकर अनुभव किया जा सकता है, और यह मन की चेतना की गतिविधि को लगातार परस्पर संबंध और स्थिति में रखती है।