- जितेन्द्र कुमार सिन्हा
पटना, 16 जनवरी :: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 16 जनवरी को पूर्वाह्न 10.30 बजे वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से देशव्यापी कोविड-19 टीकाकरण अभियान की शुरुआत की। इस कार्यक्रम से सभी राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों के 3006 स्थान डिजिटल माध्यम से जुडें और हर केंद्र पर 100 लाभार्थियों का टीकाकरण शुरू किया गया।
बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की उपस्थिति में 16 जनवरी (शनिवार) को सुबह 10.45 बजे पहला टीका IGIMS के सफाई कर्मचारी राम बाबू को और दूसरा टीका इसी संस्थान के एम्बुलेंस चालक अमित कुमार को लगाकर कोरोना वायरस के टीकाकरण कार्यक्रम की शुरुआत हुई। बिहार के डॉक्टरों में IGIMS के डॉक्टर प्रोफेसर दीपक पंकज को पहला टीका लगाया गया है। वहीं NMCH में डॉ संतोष को पहला टीका लगाया गया।
सूत्रों ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा है कि हम सभी लोगों को कोरोना के गाइड लाइन का पालन करना है। गाइड लाइन के अनुसार सबसे पहले स्वास्थ्य कर्मियों को वैक्सीन दिया जाएगा। इसके बाद जो फ्रंटलाइन के वर्कर हैं, उनको दिया जायेगा। तीसरे नंबर पर उनलोगों को दिया जाएगा जो 50 साल से ऊपर के हैं, खास तौर पर जो गंभीर बीमारी के शिकार हैं उन्हें यह वैक्सीन दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि शुरुआती दौरा में कोरोना को लेकर कोई जानकारी नहीं थी, लेकिन हमारे वैज्ञानिकों और डॉक्टरों ने इस महामारी को हराने के लिए दिन-रात काम किया और कोरोना पर जीत हासिल की। उन्होंने कहा कि कोविशील्ड या कोवैक्सीन के टीके रैंडम आधार पर ही लगेंगे। टीकाकरण के पहले चरण में पंजीकृत 462275 स्वास्थ्य कर्मियों का टीकाकरण किया जाएगा। हम सबों की कोशिश होगी कि जल्द से जल्द अधिकतर लोगों को टिका दिया जाए। अभी 30 करोड़ का टारगेट सामने है।
सूत्रों ने बताया कि बिहार के 300 केंद्रों समेत बिहार के सभी 9 सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल सहित जिला स्तरीय अस्पताल और विभिन्न प्राथमिक चिकित्सा केंद्रों में भी कोरोना टीकाकरण केंद्र बनाए गए हैं। 12 जनवरी को सीरम का कोरोना वैक्सीन पटना पहुंचा गया था, उसे सभी जिलों में भेज गया था। भारत बायोटेक कंपनी का दावा है कि कोवीशील्ड वैक्सीन मेडिकल स्टोर्स में भी मार्च से आमलोगों के लिए सुलभ रहेगी। आम लोगों के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू होने पर भी यह पहले 50 साल के अधिक उम्र के लोगों के लिए ही उपलब्ध होगा। गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं अब तक किसी भी वैक्सीन ट्रायल का हिस्सा नहीं रही हैं। इसलिए जो महिलाएं गर्भवती हैं या गर्भवती होने की संभावना है और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को इस समय टीका नहीं लगाना चाहिए। स्वास्थ्य मंत्रालय के राज्यों को जारी आवश्यक दिशा निर्देश में कहा गया है कि वैक्सीन के आपात इस्तेमाल की अनुमति 18 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए ही दी गई है। बच्चों को टीका कतई नहीं लगेगा।
बेगूसराय में भी कोरोना के उन्मूलन के लिए वैक्सीनेशन का उद्घाटन केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने सदर अस्पताल में फीता काटकर किया । इस जिले में एक निजी नर्सिंग होम सहित कुल 8 जगहों पर कोरोना के टीके की व्यवस्था की गई है । प्रत्येक केंद्र पर आज सौ सौ व्यक्तियों को टीके लगाए जाएंगे । सर्वप्रथम बेगूसराय सदर अस्पताल में स्वास्थ्य कर्मी पीयूष को टीका लगाया गया । इस मौके पर गिरिराज सिंह प्रतिक्षा रूम में मौजूद रहे एवं पियूष से बातचीत भी की ।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा है कि यह कदम ”कोविड-19 के अंत की शुरुआत है।” उन्होंने कहा कि यद्यपि टीकाकरण अभियान शुरू होने गया है लेकिन लोगों को संक्रमण से बचाव के तरीकों में ढिलाई नहीं देनी चाहिए और नियमों का पालन करते रहना चाहिए। कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई का यह अंतिम चरण है। उन्होंने कहा कि कोरोना के खिलाफ दुनिया का सबसे बड़ा अभियान है। सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा विकसित कोविशील्ड और भारत बायोटेक द्वारा विकसित कोवैक्सीन, दोनों टीकों को सुरक्षा के मानकों पर सुरक्षित पाया गया है और महामारी को रोकने में यह सबसे महत्वपूर्ण हथियार है।